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कंधमाल जिले में शिक्षकों की कमी पर विरोध जताने 30 किमी चल कर आये छात्र
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अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्र- छात्राओं के लिए मुख्यमंत्री ने शुरू की मिशन सुविद्या
भुवनेश्वर – एक तरफ मिशन विद्या की शुरुआत तो दूसरी तरफ गुरुजन की मांग। सुनने में कितना आश्चर्य लगता है, लेकिन है सौ फीसदी सही बात है। आज कंधमाल जिले में पढ़ने के लिए लालायित बच्चों ने एक लंबी दूरी तय की थी और प्रशासकों से सिर्फ इतनी ही मांग की कि उनको पढ़ाने के लिए गुरु दे दीजिए। अक्सर आप सुने होंगे कि विद्यालयों में बच्चों की ड्रॉपआउट की संख्या बढ़ती जा रही है, वहां शिक्षक अधिक होते हैं। लेकिन, यहां माजरा उल्टा ही है। यहां शिक्षकों की कमी पढ़ने के लिए लालायित बच्चों को खल रही है। गुरुजन की व्यवस्था की मांग को लेकर बच्चों ने 30 किलोमीटर तक का पैदल सफर किया। उनकी इच्छा का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वह पढ़ने को लेकर कितना उत्साहित हैं।
यह बात कंधमाल जिले के तुमुडिबंध प्रखंड के बेलघर आवासीय विद्यालय की है। यहां के छात्र बुधवार को स्कूल में शिक्षकों की कमी के खिलाफ विरोध जताने के लिए प्रखंड मुख्यालय तक 30 किमी पैदल चलकर आए। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस आवासीय विद्यालय के 54 छात्र बुधवार की सुबह अपने छात्रावास से निकल कर 30 किमी पैदल चलने के बाद प्रखंड मुख्यालय स्थित कार्यालय के सामने विरोध जताया। तुमुडीबंध प्रखंड कार्यालय के सामने इन छात्रों ने धरना देने के साथ-साथ आठवीं व 9वीं कक्षा के लिए शिक्षकों की मांग की। इन छात्रों ने कहा कि इस मामले को वे कई बार उठा चुके हैं, लेकिन उनकी मांग को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया गया। बच्चों के पैदल इतने दूर आने के बाद प्रखंड विकास अधिकारी ने उन्हें समझाया और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए आश्वासन दिया।
अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्र- छात्राओं के लिए मुख्यमंत्री ने शुरु की मिशन सुविद्या
अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्र- छात्राओं के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को मिशन सुविद्या कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। भुवनेश्वर के लोकसेवा भवन में एक विशेष कार्यक्रम में उन्होंने इसका शुभारंभ किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके लिए सरकार के क्यूसीआई (क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया), अक्षरा फाउण्डेशन, ट्राइफेड के साथ राज्य सरकार ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इससे छात्रावास, स्वच्छता, अवसंरचना तथा प्रबंधन के स्तर में बढ़ोत्तरी होगी। इसके कारण, अनुसूचित जाति- जनजाति वर्ग के बच्चों के छात्रावासों में शौचालय, पेयजल, उपयुक्त पाकशाला पर ध्यान दिया जाएगा। क्यूसीआई के ओर से डीजी आरपी सिंह, जनजाति व्यापार निदेशक सचिन जाधव ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इसी तरह ट्राइफेड की ओर से अमिताभ भटनागर, अक्षरा फाउण्डेशन की ओर से इसके सीईए अशोक कमात ने इस पर हस्ताक्षर किया । इस अवसर पर राज्य सरकार के विभागीय मंत्री जगन्नाथ सारका व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।