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ट्रेनिंग का खर्च निकालने के लिए कार बेचने की खबरों के बाद खेल विभाग ने दिया व्यौरा
भुवनेश्वर. धाविका दुती चांद की बीएमडब्ल्यू कार बेचने की खबरों के एक दिन बाद राज्य सरकार के खेल तथा युवा मामलों के विभाग ने स्पष्टीकरण देते हुए सरकार की तरफ से उपलब्ध करायी गयी मदद राशि का व्यौरा जारी किया है. हालही में सोशल मीडिया में एक बीएमडब्ल्यू कार के साथ दुती चांद की तस्वीर वायरल हो रही थी कि वह अपने ट्रेनिंग पर होने वाले खर्च को निकालने के लिए इसे बेचने जा रही हैं. इसके बाद राज्य खेल विभाग ने यह स्पष्टीकरण जारी किया है कि उनके खेल के लिए समय-समय पर मदद राशि प्रदान की गयी है. बताया गया है कि 2018 एशियाई खेलों में पदक जीतने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में तीन करोड़ रुपये दिये गये. 2015-19 के दौरान प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता के लिए 30 लाख रुपये प्रदान किये गये. टोक्यो में हुए ओलंपिक के लिए प्रशिक्षण सहायता के लिए 50 लाख रुपये (02/08/2019 और 27/12/2019 को दो किश्तों में) जारी किया गया. इसके अलावा राज्य सरकार ने दुती चंद को एक गोल्ड श्रेणी पीएसयू ओडिशा खनन निगम में समूह-ए के स्तर के अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है.यह से उनको 84,604 का वेतन मिलता है. यह राशि उन्होंने जून महीने में भी प्राप्त की है. साथ ही उनको यह भी छूट दी गयी है कि उन्हें कार्यालय आने की जरूरत नहीं है, ताकि वह अपना पूरा ध्यान अपने अभ्यास पर केंद्रित रखें. ओएमसी में नियुक्त के बाद उन्हें कोई भी काम आवंटित नहीं किया गया है. ओएमसी ने दुती चांद को प्रशिक्षण और वित्तीय प्रोत्साहन के तौर पर 29 लाख रुपये प्रदान किया है. 2015 के बाद राज्य सरकार और ओएमसी से दुती चांद को कुल 4.09 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता राशि प्रदाक की गयी है. इसके अलावा एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और खेल तथा युवा मामलों का मंत्रालय, भारत सरकार भी प्रदर्शन-आधारित एथलीटों के लिए पर्याप्त सहायता प्रदान कर सकता है.