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कटक अश्विनी अस्पताल के साथ-साथ भुवनेश्वर सम अस्पताल और कीम्स में यह इलाज होगा शुरू
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कटक एससीबी अस्पताल को प्लाज्मा थेरेपी के नोडल केंद्र के रूप में नामित
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मुख्यमंत्री ने की हालात की समीक्षा
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दो हजार प्रतिदिन जांच बढ़ाने की तैयारी
भुवनेश्वर. ओडिशा में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार ने मंगलवार 15 जुलाई से कुछ अस्पतालों में प्लाज्मा थेरेपी शुरू करने की घोषणा की है. कॉन्वेसेंट प्लाज्मा थेरेपी एक विधि है, जिसमें उन लोगों से रक्त प्लाज्मा का उपयोग किया जाता है, जो कोरोना से उबर चुके हैं और इसे उन रोगियों को दिया जाता है, जो वर्तमान में बीमारग्रस्त हैं. यह इलाज शुरू करने का निर्णय मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया. सूत्रों के अनुसार, कटक अश्विनी अस्पताल के साथ-साथ भुवनेश्वर सम अस्पताल और कीम्स में यह इलाज शुरू किया जाएगा तथा कटक एससीबी अस्पताल को प्लाज्मा थेरेपी के नोडल केंद्र के रूप में नामित किया गया है.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पटनायक ने कोरोना संक्रमणों पर अंकुश लगाने के लिए कई उपायों पर जोर दिया. इसके तहत परीक्षणों की संख्या बढ़ायी जायेगी. लगभग 7000 आरटी-पीसीआर परीक्षण वर्तमान में दैनिक आधार पर किए जा रहे हैं. राज्य सरकार ने एक सप्ताह के भीतर परीक्षण क्षमता को बढ़ाकर 9000 प्रति दिन करने का लक्ष्य रखा है. अब संभव है कि लोग निजी अस्पतालों में परीक्षण सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे. इसके लिए सरकार ने सूचित किया है कि दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे. अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर गंजाम, कटक, जाजपुर, सुंदरगढ़ और खुर्दा में कोविद की स्थिति के प्रकोप पर ध्यान देने के लिए कहा गया है. भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) शहर में कोविद-19 संक्रमण की प्रवृत्ति और समुदाय और उच्च जोखिम वाले समूहों की प्रतिरक्षा स्थिति की निगरानी के लिए शहर में सीरो निगरानी कर रहा है. आरएमसीआर के तकनीकी समर्थन के साथ बीएमसी द्वारा टेस्ट किया जा रहा है.
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