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ओडिशा में नो पीयूसी, नो फ्यूल की समयसीमा फिर बढ़ी

  •     ग्रीन स्टीकर अनिवार्य नहीं, 31 मार्च से होगा नियम लागू

  •     पहले पहली जनवरी, फिर फरवरी, अब मार्च तक राहत

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने एक बार फिर नो पीयूसी, नो फ्यूल नीति की समयसीमा बढ़ा दी है। परिवहन मंत्री विभूति भूषण जेना ने बुधवार को घोषणा की कि यह नियम अब 31 मार्च से लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वाहन मालिकों को वैध पीयूसी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त समय देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।

यह नियम पहले 1 जनवरी 2026 से लागू होना था, लेकिन प्रदूषण जांच केंद्रों पर भारी भीड़ और व्यावहारिक कठिनाइयों को देखते हुए इसे 1 फरवरी तक टाल दिया गया था। अब सरकार ने इसे आगे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया है।

उत्सर्जन मानकों के पालन में सहूलियत

मंत्री जेना ने कहा कि समयसीमा बढ़ाने का उद्देश्य वाहन चालकों पर अनावश्यक दबाव कम करना और उत्सर्जन मानकों का सुचारु पालन सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इससे आम लोगों को राहत मिलेगी और वाहन प्रदूषण पर नियंत्रण के प्रयास भी प्रभावी ढंग से जारी रहेंगे।

लाखों वाहनों के पास अपडेटेड पीयूसी नहीं

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ओडिशा में पंजीकृत 1.17 करोड़ से अधिक वाहनों में से करीब 50 से 60 लाख वाहनों का पीयूसी रिकॉर्ड केंद्रीय वाहन डेटाबेस में अपडेट नहीं है। इसी कारण सरकार ने अतिरिक्त समय देने का फैसला किया है।

ग्रीन स्टीकर केवल सुविधा के लिए, अनिवार्य नहीं

परिवहन मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्रीन स्टीकर अनिवार्य नहीं है। यह केवल प्रवर्तन अधिकारियों के लिए जांच को आसान बनाने के उद्देश्य से रखा गया है। जिन वाहन मालिकों के पास वैध पीयूसी प्रमाणपत्र है, वे अपने संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से यह स्टीकर प्राप्त कर सकते हैं।

फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने वालों पर सख्ती

सरकार ने प्रदूषण जांच केंद्रों में अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई तेज कर दी है। बिना उचित जांच के फर्जी पीयूसी प्रमाणपत्र जारी करने के आरोप में राज्यभर के 42 प्रदूषण जांच केंद्रों के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं।

टोल प्लाजा पर डिजिटल निगरानी से सख्ती बढ़ी

जनजागरूकता अभियानों के साथ-साथ परिवहन विभाग ने टोल प्लाजा पर डिजिटल पहचान प्रणाली में पीयूसी सत्यापन को भी जोड़ दिया है, ताकि नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन और वाहन प्रदूषण पर नियंत्रण को और मजबूत किया जा सके।

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