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आय बढ़ाने और अतिक्रमण रोकने के लिए कानून व नीति में संशोधन
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अतिक्रमण और कम आय बड़ी चुनौती
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने पुरी स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर की विशाल संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए यूनिफॉर्म लैंड सेटलमेंट पॉलिसी में व्यापक सुधार और लगभग 70 वर्ष पुराने श्रीजगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1955 में संशोधन का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य मंदिर की आय बढ़ाना, अतिक्रमण की समस्या का समाधान करना और अनुष्ठानों व भक्तों के आचरण से जुड़े नियमों को सख्त बनाना है।
उच्चस्तरीय बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि भगवान श्री जगन्नाथ की जमीनों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण के कारण मंदिर को अपेक्षित आय नहीं मिल पा रही है।
उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर गरीब और भूमिहीन सेवायत वर्षों से बिना किसी वैध अधिकार के मंदिर की जमीन पर रह रहे हैं। इससे न तो मंदिर को लाभ हो रहा है और न ही वहां रहने वालों को कोई कानूनी सुरक्षा मिल पा रही है।
24 जिलों सहित छह राज्यों में फैली संपत्ति
जानकारी के अनुसार, श्रीजगन्नाथ मंदिर के पास ओडिशा के 24 जिलों में 55 हजार एकड़ से अधिक भूमि है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे छह अन्य राज्यों में भी मंदिर की संपत्तियां मौजूद हैं।
दीर्घकालिक निवासियों को मिल सकता है लाभ
बैठक में भगवान जगन्नाथ के नाम पर भूमि के समुचित निपटान और दैतापति, नियोग, सेवायत एवं मठों को भूमि अधिकार देने से जुड़ी नीति में संशोधन पर भी चर्चा हुई। लंबे समय से वहां रह रहे सेवायतों और गैर-सेवायतों को इसका लाभ मिलने की संभावना है। साथ ही, इन जमीनों को उचित मूल्य पर लीज पर देकर मंदिर की आय बढ़ाने और विकास व नवीनीकरण कार्यों को गति देने की योजना है।
कॉर्पस फंड में होगी बढ़ोतरी
कानून मंत्री ने कहा कि नीति में सुधार के बाद मंदिर के कॉर्पस फंड में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे भविष्य की योजनाओं और संरक्षण कार्यों को मजबूती मिलेगी।
अनुष्ठानों और आचरण के लिए सख्त नियम
प्रस्तावित संशोधनों में अनुष्ठानों के सुचारु संचालन के लिए उप-समितियों का गठन, सेवायतों और श्रद्धालुओं के लिए कड़ा आचार संहिता, तथा मंदिर परिसर में मोबाइल फोन और कैमरा जैसे सामानों पर प्रतिबंध जैसे प्रावधानों पर भी विचार किया गया।
भक्तों के लिए जागरूकता अभियान पर जोर
बैठक में श्रद्धालुओं से भारतीय परिधान पहनकर मंदिर आने और मर्यादा बनाए रखने की अपील के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाने पर भी सहमति बनी। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर जगन्नाथ संस्कृति को लेकर भ्रामक या मानहानिकारक सामग्री फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर भी चर्चा हुई।
कानून विभाग की डायरी का विमोचन
इस अवसर पर कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कानून विभाग द्वारा प्रकाशित डायरी का भी विमोचन किया।
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