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रघुराजपुर के शिल्पकारों की कला की सराहना
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देशवासियों से गांव देखने की अपील
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कहा-उदयगिरि में आज भी जीवित हैं हजारों वर्ष पुरानी परंपराएं
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आपात कारणों से दिल्ली लौटे सीईसी
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तीसरे दिन का कार्यक्रम रद्द, ओडिशा फिर आने का भरोसा
भुवनेश्वर। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को ओडिशा के प्रसिद्ध शिल्प ग्राम रघुराजपुर, धौली शांति स्तूप, उदयगिरि गुफाओं और मुक्तेश्वर मंदिर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ओडिशा की समृद्ध कला, संस्कृति, स्थापत्य और आध्यात्मिक विरासत को निकट से अनुभव किया।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अपने दौरे की शुरुआत विश्वविख्यात विरासत शिल्प ग्राम रघुराजपुर से की। यहां उन्होंने पत्तचित्र चित्रकला, तसर वस्त्र, काष्ठ शिल्प सहित विभिन्न पारंपरिक कलाओं को करीब से देखा और स्थानीय कारीगरों से संवाद किया।
उन्होंने कहा कि रघुराजपुर के शिल्पकारों ने पत्तचित्र और अन्य लोक कलाओं के माध्यम से सदियों पुरानी भारतीय संस्कृति, परंपराओं और लोक कथाओं को आज भी जीवंत रखा है, जो अत्यंत प्रशंसनीय है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने भारत निर्वाचन आयोग की ओर से शिल्पकारों को शुभकामनाएं दीं और देशवासियों से रघुराजपुर आकर इसकी विशिष्ट कला विरासत को देखने की अपील की। गांव में बच्चों द्वारा प्रस्तुत गोतिपुआ नृत्य ने भी उन्हें गहराई से प्रभावित किया।
जिला प्रशासन ने किया सम्मान
पुरी जिला प्रशासन की ओर से जिलाधिकारी दिव्यज्योति परिडा और पुलिस अधीक्षक प्रतीक कुमार सिंह ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्तचित्र और हस्तशिल्प भेंट कर सम्मानित किया।
धौली शांति स्तूप से दिया विश्व शांति का संदेश
भुवनेश्वर लौटते समय कुमार ने धौली शांति स्तूप और समीपवर्ती शिलालेखों का भ्रमण किया। बौद्ध भिक्षुओं से उन्होंने बौद्ध संस्कृति और इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त की।
शांति स्तूप से दिखाई देने वाले भुवनेश्वर शहर और दया नदी के मनोरम दृश्य की उन्होंने विशेष प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत विश्वभर में शांति और सौहार्द के लिए जाना जाता है और धौली से शांति का संदेश पूरी दुनिया तक और व्यापक रूप से पहुंचे, यही उनकी कामना है।
उदयगिरि गुफाओं की शिल्पकला पर गर्व
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने उदयगिरि पहाड़ी और प्राचीन गुफाओं का भी दौरा किया। उन्होंने कहा कि दो हजार वर्ष से भी पहले हमारे पूर्वजों द्वारा इतनी उत्कृष्ट गुफा शिल्पकला और पत्थरों की बारीक नक्काशी किया जाना गर्व का विषय है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह देखकर अत्यंत संतोष होता है कि हजारों वर्षों पुरानी समृद्ध परंपराएं और संस्कृति आज भी उदयगिरि में जीवित हैं।
मुक्तेश्वर मंदिर में की पूजा-अर्चना
इसके बाद ज्ञानेश कुमार ने अपने परिवार के साथ मुक्तेश्वर मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने प्राचीन कलिंग स्थापत्य शैली की भव्यता की सराहना की और देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया।
आपात कारणों से दिल्ली वापसी
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि उनके पिता के स्वास्थ्य संबंधी कारणों से उन्हें तीसरे दिन के सभी निर्धारित कार्यक्रम, जिनमें बूथ लेवल अधिकारियों के साथ बैठक भी शामिल थी, स्थगित कर आपात रूप से नई दिल्ली लौटना पड़ा। उन्होंने अचानक प्रस्थान पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि ओडिशा की कला, स्थापत्य, आतिथ्य और प्राकृतिक सौंदर्य ने उन्हें अत्यंत प्रभावित किया है और वे भविष्य में पुनः ओडिशा अवश्य आएंगे।
वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
इस दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरएस गोपालन, अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुशांत कुमार मिश्र, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी गोपीनाथ कुआंर, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ लक्ष्मी प्रसाद साहू एवं श्रीमती अनामिका सिंह, स्थानीय प्रशासन, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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