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देश-विदेश के कलाकारों ने दी मनमोहक प्रस्तुतियां
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संस्कृति मंत्री ने ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत को बताया विश्व पहचान
भुवनेश्वर। रवींद्र मंडप में अंतरराष्ट्रीय ओडिशी नृत्य महोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। रंगारंग प्रस्तुतियों और ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के उत्सव के साथ महोत्सव ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह पांच दिवसीय महोत्सव 30 दिसंबर तक गुरु केलुचरण ओडिशी रिसर्च सेंटर और ओडिया भाषा, साहित्य एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
उद्घाटन समारोह में संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने ओडिशी नृत्य कलाकारों और साधकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ओडिशी नृत्य ने ओडिशा की कला और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने ओडिशी को ऐसा सशक्त माध्यम बताया, जिसने ओडिशा की विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाई है।
संस्कृति विभाग के विशेष सचिव देव प्रसाद दाश ने अपने संबोधन में कहा कि ओड़िया समाज को ओडिशी नृत्य पर गर्व है, जिसने ओडिशा को विश्व पटल पर एक अलग पहचान दिलाई है। उन्होंने बताया कि आईआईटी भुवनेश्वर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों ने अपने बीटेक पाठ्यक्रम में ओडिशी नृत्य को शामिल किया है और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी ओडिशी केंद्र की स्थापना की गई है।
उद्घाटन संध्या की शुरुआत गुरु केलुचरण महापात्र ओडिशी रिसर्च सेंटर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत ‘मंगलाचरण’ से हुई। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रख्यात ओडिशी नर्तक गुरु विष्णुतत्व दास की प्रस्तुति रही, जिन्होंने जयदेव के गीत गोविंद से अष्टपदी की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। इसके अलावा अर्पिता पाणि, तुलिका त्रिपाठी, प्रशांति जेना और प्रभुतोष पंडा ने एकल ओडिशी नृत्य प्रस्तुत किए। तन्मय सामदर और फरजाना जैस्मिन, जी संजय और डायना घोष की युगल प्रस्तुतियों ने भी दर्शकों की खूब सराहना बटोरी। संकल्प फाउंडेशन के कलाकारों ने समूह ओडिशी नृत्य प्रस्तुत किया।
कला प्रदर्शनी ‘कला, नृत्य और संगीत का उत्सव’ का उद्घाटन
कार्यक्रम के दौरान संस्कृति मंत्री ने ओडिशी नृत्य पर आधारित कला प्रदर्शनी ‘कला, नृत्य और संगीत का उत्सव’ का उद्घाटन किया, जिसमें प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा बनाई गई ओडिशी विषयक पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई हैं। उन्होंने ओडिशी से प्रेरित रेत कला की भी सराहना की।
का विशेष आकर्षण ‘मो ओडिशी’ सेल्फी स्टैंड रहा
इस वर्ष महोत्सव का विशेष आकर्षण ‘मो ओडिशी’ सेल्फी स्टैंड रहा, जिसमें युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इसके साथ ही रवींद्र मंडप परिसर में हथकरघा, हस्तशिल्प और मिलेट आधारित खाद्य पदार्थों के स्टॉल भी लगाए गए हैं।
महोत्सव में करीब 350 नर्तक ले रहे भाग
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय ओडिशी नृत्य महोत्सव में करीब 350 नर्तक भाग ले रहे हैं, जिनमें लगभग 15 विदेशी ओडिशी कलाकार शामिल हैं। ओडिशा के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, नई दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया व मलेशिया जैसे देशों से कलाकार अपनी प्रस्तुतियां दे रहे हैं।
उद्घाटन समारोह में एकाम्र विधायक बाबू सिंह, संस्कृति विभाग की उप निदेशक सुचिस्मिता मंत्री तथा प्रख्यात ओडिशी कलाकार कुमकुम मोहंती, डॉ अरुणा मोहंती, सिकता दास, सुजाता महापात्र, मीरा दास, डॉ स्नेहप्रभा सामंतराय, कस्तूरी पटनायक, गजेंद्र पंडा और दुर्गा चरण रणबीर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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