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सुरक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
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सरकार कर रही है सख्त सजा पर विचार
पुरी। ओडिशा के पुरी स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में रत्न सिंहासन पर विराजमान भगवान जगन्नाथ की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने से हड़कंप मच गया है। तस्वीर कथित तौर पर बहुत नजदीक से ली गई बताई जा रही है, जिससे मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं।
मोबाइल और कैमरे पर हैं प्रतिबंधित
श्रीजगन्नाथ मंदिर परिसर में मोबाइल फोन और कैमरे पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की प्रवेश से पहले कड़ी जांच की जाती है। इसके बावजूद वायरल तस्वीर सामने आने से यह सवाल उठ रहा है कि मोबाइल फोन मंदिर के भीतर कैसे पहुंचा और फोटो किसने ली।
सेवायतों और श्रद्धालुओं में नाराजगी
घटना के बाद सेवायतों, श्रद्धालुओं और आम लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। सभी यह जानना चाहते हैं कि सुरक्षा में चूक कैसे हुई और इसके लिए जिम्मेदार कौन है। श्रद्धालुओं ने मामले की गहन जांच की मांग की है।
सिंहद्वार थाने में मामला दर्ज
विवाद बढ़ने के बाद सिंहद्वार पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि फोटो किस उपकरण से ली गई और वह मंदिर परिसर तक कैसे पहुंचा।
कठोर कानूनी प्रावधानों पर हो रहा विचार – हरिचंदन
वायरल तस्वीर पर प्रतिक्रिया देते हुए कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि श्रीजगन्नाथ मंदिर में बार-बार अनुशासनहीनता की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंदिर प्रशासन की चेतावनियों के बावजूद कुछ लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, जिससे सरकार को कठोर कानूनी प्रावधानों पर विचार करना पड़ रहा है।
ऐसे लोग सच्चे श्रद्धालु नहीं
कानून मंत्री ने कहा कि इस तरह की हरकत करने वाले लोग सच्चे श्रद्धालु नहीं हैं। वे दर्शन के लिए नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर चर्चा बटोरने और दिखावा करने आते हैं। मंत्री ने बताया कि ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कार्रवाई को लेकर चर्चा हो चुकी है।
पुराने कानून में बदलाव की तैयारी
हरिचंदन ने बताया कि मौजूदा कानून में दंडात्मक प्रावधान तो हैं, लेकिन उन्हें और प्रभावी बनाने के लिए बदलाव पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर के भीतर फोटोग्राफी, मोबाइल फोन, स्मार्ट ग्लास और कैमरा उपकरणों पर पूर्ण प्रतिबंध को स्पष्ट रूप से कानून में शामिल करने की तैयारी है, जो पुराने कानून में साफ तौर पर दर्ज नहीं था।
जांच के बाद होगी कड़ी कार्रवाई
सरकार ने भरोसा दिलाया है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में श्रीजगन्नाथ मंदिर की मर्यादा और सुरक्षा से कोई खिलवाड़ न कर सके।
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