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विभिन्न फार्मा उद्योग संस्थानों के साथ 6,263 करोड़ रुपये के 45 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर
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38,406 रोजगार के अवसर सृजित होंगे
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खुर्दा में फार्मा पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क की आधारशिला रखी गई
भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आज भुवनेश्वर में आयोजित ओडिशा फार्मा समिट 2025 को संबोधित करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण दवाओं के निर्माण और उन्नत चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन के माध्यम से ओडिशा पूर्वी भारत का एक प्रमुख फार्मा हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में कुल 6,263 करोड़ रुपये के 45 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिनसे राज्य में लगभग 38,406 रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। इनमें फार्मास्यूटिकल क्षेत्र के लिए 32 एमओयू, मेडिकल उपकरणों के लिए 12 एमओयू तथा एक लैंडमार्क इंडस्ट्रियल पार्क प्रस्ताव के लिए एक अन्य एमओयू शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ओडिशा फार्मास्यूटिकल एवं मेडिकल डिवाइस नीति 2025 का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने खुर्दा में एक समर्पित फार्मा पार्क तथा एक मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए आधारशिला भी रखी।
गैर-पारंपरिक उद्योगों के विकास के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा को निवेशकों की पहली पसंद वाला राज्य बनाने के लिए सरकार सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में गैर-पारंपरिक उद्योगों के विकास के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा आज पूंजी निवेश के लिए देश के सबसे बेहतर राज्यों में से एक है और यहां का औद्योगिक इकोसिस्टम देश के सर्वश्रेष्ठ वातावरणों में शामिल है। अन्य उद्योगों के साथ-साथ फार्मास्यूटिकल उत्पादन के क्षेत्र में भी ओडिशा को एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करना सरकार का लक्ष्य है।
धातु, खनिज और रसायन क्षेत्र ओडिशा में उद्योग की रीढ़
मुख्यमंत्री ने कहा कि धातु, खनिज और रसायन क्षेत्र ओडिशा में उद्योग की रीढ़ हैं। लेकिन राज्य के संसाधनों को जनोन्मुखी बनाने के लिए हमें इससे आगे बढ़ना होगा। इसी उद्देश्य से सरकार ने बुनियादी ढांचे, नवाचार क्षमता और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था पर विशेष जोर दिया है। पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान राज्य में उद्योगों का व्यापक विविधीकरण हुआ है। ओडिशा में केमिकल्स, पेट्रोकेमिकल्स, ग्रीन एनर्जी, फिनटेक, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, वस्त्र उद्योग, पर्यटन सहित कई क्षेत्रों में निवेश आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से फार्मा क्षेत्र में भी एक नए अध्याय की शुरुआत हो गई है।
ओडिशा के उद्योगों को वैश्विक उद्योगों से जोड़ना लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य ओडिशा के उद्योगों को वैश्विक उद्योगों से जोड़ना है, ताकि राज्य वैश्विक औद्योगिक परिदृश्य में अपनी अलग पहचान बना सके।
फार्मा क्षेत्र पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष के भीतर राज्य की औद्योगिक नीति और फार्मा नीति में आवश्यक बदलाव किए गए हैं। उन्होंने बताया कि ओडिशा की फार्मा नीति देश की सर्वश्रेष्ठ नीतियों में से एक है। नई फार्मा नीति में अनुसंधान, पूंजी निवेश, बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सहित फार्मा क्षेत्र के हर पहलू को प्रोत्साहन दिया गया है।
कुछ वर्षों में ओडिशा का फार्मा क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छुएगा
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले कुछ वर्षों में ओडिशा का फार्मा क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छुएगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता और मूल्य के लिहाज से ओडिशा के फार्मा उत्पाद विश्व स्तर पर सबसे आकर्षक होंगे और मेड-टेक उत्पादन में भी यह राज्य की पहचान और प्रतिष्ठा को मजबूत करेंगे।
फार्मा उद्योग की जरूरतें होंगी पूरी
उन्होंने आगे कहा कि फार्मा उद्योग को जो भी आवश्यकताएं होंगी, राज्य सरकार उन्हें पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। ओडिशा का वातावरण उद्योगों के लिए पूरी तरह अनुकूल है। उद्योगों के लिए आवश्यक हर सुविधा यहां उपलब्ध है। ओडिशा में देश के सबसे अधिक खनिज संसाधन, तीन प्रमुख बंदरगाह, दो वाणिज्यिक हवाई अड्डे, 575 किलोमीटर लंबा समुद्र तट, उन्नत रेल और सड़क नेटवर्क, अतिरिक्त बिजली, पर्याप्त जल उपलब्धता तथा प्रशिक्षित मानव संसाधन मौजूद हैं। इसलिए ओडिशा पूर्वी भारत का एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बनने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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