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नवीन के वेतन बढ़ोतरी छोड़ने के ऐलान पर सियासी संग्राम

  •     बीजेपी और कांग्रेस ने नवीन पटनायक के फैसले को बताया राजनीतिक ड्रामा

  •     उपमुख्यमंत्री का सवाल: बहस में क्यों नहीं बोले नवीन?

भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा में जनप्रतिनिधियों के वेतन और पेंशन में भारी बढ़ोतरी के बीच नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा बढ़ा हुआ वेतन और भत्ते नहीं लेने के ऐलान पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने इसे राजनीतिक ड्रामा और दोहरे मापदंड करार दिया है।

मीडिया से बातचीत में उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव ने कहा कि वेतन बढ़ोतरी विधेयक पर विधानसभा में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष को अपनी राय रखने का अवसर मिला था।

उन्होंने सवाल उठाया कि जब सदन में बहस चल रही थी, तब वे क्यों नहीं आए और अपनी बात नहीं रखी? उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह पूरा मामला केवल राजनीति करने तक सीमित है।

नया वेतन और पेंशन ढांचा देश के शीर्ष राज्यों में शामिल

9 दिसंबर को ओडिशा विधानसभा ने एक विधेयक पारित कर मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के मासिक वेतन को तीन गुना करने तथा विधायकों की पेंशन में भी तीन गुना बढ़ोतरी का फैसला लिया। यह बढ़ोतरी जून 2024 से प्रभावी मानी जाएगी। इसके साथ ही ओडिशा का वेतन और पेंशन ढांचा देश के शीर्ष राज्यों में शामिल हो गया है।

बीजेपी का तंज: अमीर हैं, वेतन की जरूरत नहीं

बीजेपी विधायक जयनारायण मिश्र ने नवीन पटनायक पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें वेतन की आवश्यकता ही नहीं है, क्योंकि वे एक संपन्न परिवार से आते हैं। उन्होंने दिवंगत बीजू पटनायक का उदाहरण देते हुए कहा कि वर्ष 1990 से 1995 के बीच अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने मात्र एक रुपये का वेतन लिया था।

मिश्र ने सवाल उठाया कि यदि नवीन पटनायक इस फैसले को लेकर गंभीर थे, तो इसे पूरी पार्टी पर लागू क्यों नहीं किया गया। उनके विधायकों ने वेतन बढ़ोतरी के लिए सरकार पर दबाव बनाया और अब नेता प्रतिपक्ष खुद अलग रुख दिखा रहे हैं।

बीजद में तालमेल की कमी – कांग्रेस

कांग्रेस विधायक पवित्र साउंता ने वेतन बढ़ोतरी का बचाव करते हुए कहा कि बीजू जनता दल ने पूरी तरह से इस विधेयक का समर्थन किया था और यह सर्वसम्मति से पारित हुआ।

उन्होंने कहा कि जहां एक ओर नवीन पटनायक बढ़ा हुआ वेतन नहीं लेने की बात कर रहे हैं, वहीं उनकी पार्टी के नेता इससे संतुष्ट दिख रहे हैं। इससे बीजद के भीतर आपसी संवाद की कमी सामने आती है।

नवीन पटनायक की आर्थिक स्थिति पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि उनके पास किसी प्रकार की आर्थिक कमी नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि नवीन पटनायक 24 वर्षों तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं और उनके पिता भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

साउंता ने कहा कि विधायकों के लिए बढ़ा हुआ वेतन, विशेषकर पूर्व विधायकों के लिए, एक वरदान के समान है, क्योंकि कई पूर्व जनप्रतिनिधियों के पास सीमित आर्थिक संसाधन होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजद के नेता स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि वेतन वृद्धि उचित है, क्योंकि कई लोगों के पास पर्याप्त आय के साधन नहीं हैं।

कांग्रेस विधायक ने आगे कहा कि नवीन पटनायक को पहले अपने दल के भीतर इस मुद्दे पर चर्चा कर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए और फिर सार्वजनिक रूप से सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोहरी नीति अपनाने के बजाय सरकार के निर्णय का स्वागत करना अधिक उचित होगा।

सभी दलों की साझा पहल से उठा था वेतन संशोधन का मुद्दा

दिलचस्प तथ्य यह है कि वेतन संशोधन की मांग मार्च महीने में सभी दलों की ओर से उठी थी, ठीक उसी समय जब केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन में बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी।

शून्यकाल के दौरान विपक्ष की सचेतक प्रमिला मल्लिक ने महंगाई, चिकित्सा खर्च और बढ़ती जीवन लागत का हवाला देते हुए ढाई गुना वेतन बढ़ाने की मांग रखी थी। उन्होंने कहा था कि ओडिशा के विधायकों का वेतन देश में सबसे कम है। इस राय से कांग्रेस और बीजेपी के सदस्यों ने भी सहमति जताई थी।

मुख्यमंत्री का पुराना समर्थन भी आया सामने

विधायकों ने यह भी याद दिलाया कि जुलाई 2022 में, जब मोहन चरण माझी विपक्ष के सचेतक थे, तब उन्होंने भी वेतन संशोधन का समर्थन किया था। उस समय उनका तर्क था कि वर्ष 2017 के बाद कोई संशोधन नहीं हुआ, जिससे बढ़ती महंगाई में जनप्रतिनिधियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

नवीन बाबू वेतन पर निर्भर नहीं, इसलिए उन्होंने मना किया : बीजद विधायक

विधायकों के बढ़े हुए वेतन को लेकर विपक्ष के नेता नवीन पटनायक द्वारा वेतन न लेने की घोषणा पर बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक गणेश्वर बेहेरा ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि नवीन बाबू वेतन पर निर्भर नहीं हैं, इसी कारण उन्होंने बढ़ा हुआ वेतन लेने से इनकार किया है। गणेश्वर बेहेरा ने स्पष्ट किया कि हालांकि यह नवीन पटनायक का व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन उनके जैसे कई विधायकों के लिए बढ़ा हुआ वेतन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नवीन बाबू ने पार्टी के विधायकों को बढ़ा हुआ वेतन लेने से कभी नहीं रोका है।

वेतन वृद्धि का विरोध करने का सवाल ही नहीं – बीजद विधायक

बीजद विधायक गणेश्वर बेहेरा ने कहा कि पार्टी ने विधायकों के वेतन में वृद्धि की मांग की थी और विधानसभा में वेतन वृद्धि विधेयक का समर्थन भी किया था। ऐसे में वेतन वृद्धि का विरोध करने का सवाल ही नहीं उठता।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कई विधायक आर्थिक रूप से कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं और जनता को इस वास्तविकता को समझने की आवश्यकता है।

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