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बीजद ने उठाए सवाल
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कहा-राज्य गठन के बाद पहली बार सीएम ने चुना वीआईपी बंगला
भुवनेश्वर। बीजू जनता दल (बीजद) ने ओडिशा की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के दिल्ली प्रवास और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं। बीजद का दावा है कि ओडिशा के पृथक राज्य बनने के बाद मोहन चरण माझी पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने दिल्ली में भव्य वीआईपी बंगले में रहने का विकल्प चुना है।
तीन मूर्ति लेन में मुख्यमंत्री को दो बंगले आवंटित
केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को दिल्ली में तीन मूर्ति लेन स्थित 2 बंगला आवंटित किया है। यह व्यवस्था उनके राष्ट्रीय राजधानी में आधिकारिक दौरों के दौरान ठहरने के लिए की गई है। दरअसल, चाणक्यपुरी क्षेत्र में पुराने ओडिशा भवन को ध्वस्त किए जाने के बाद वहां नए ओडिशा भवन का निर्माण किया जा रहा है। इसी कारण यह अस्थायी आवासीय व्यवस्था की गई है।
राज्य सरकार को आवंटित इस बंगले के लिए हर महीने सात तारीख तक सामान्य लाइसेंस शुल्क का भुगतान करना होगा। इससे पहले मुख्यमंत्री अपने दिल्ली दौरों के दौरान अशोका होटल में ठहरते रहे हैं।
सुविधाएं होते हुए भी वीआईपी बंगला क्यों?
बीजद प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली में पहले से ही ओडिशा भवन, ओडिशा निवास और ओडिशा सदन जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि ओडिशा भवन के पुनर्निर्माण के चलते मुख्यमंत्री के ठहरने की अस्थायी व्यवस्था पांच सितारा होटल में की गई थी। इसके बावजूद, खुद को जनता का मुख्यमंत्री बताने वाले मोहन चरण माझी ने आलीशान वीआईपी बंगला चुन लिया।
दिल्ली में राज्य पुलिस की तैनाती पर भी सवाल
बीजद ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कड़ी आपत्ति जताई है। लेनिन मोहंती ने बताया कि राज्य पुलिस की विशेष शाखा ने गृह विभाग से दिल्ली स्थित मुख्यमंत्री आवास पर कैंप कमांडर के नेतृत्व में सशस्त्र बल की एक पूरी प्लाटून तैनात करने की अनुमति मांगी है।
उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, दिल्ली आने वाले मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की होती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ओडिशा के मुख्यमंत्री को दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं है?
राज्य के खजाने पर अतिरिक्त बोझ का आरोप
बीजद प्रवक्ता ने कहा कि ओडिशा पुलिस की पूरी प्लाटून को दिल्ली भेजना राज्य के खजाने पर भारी आर्थिक बोझ डालेगा। उनका तर्क था कि यह खर्च अनावश्यक है और इससे सरकारी धन का दुरुपयोग प्रतीत होता है।
नवीन पटनायक से तुलना, सादगी का हवाला
लेनिन मोहंती ने पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने 24 वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद कभी भी दिल्ली में सरकारी खर्च पर बंगला नहीं लिया और सादगीपूर्ण जीवनशैली बनाए रखी। उन्होंने सवाल उठाया कि सिर्फ 18 महीने के कार्यकाल में ही मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को यह आवश्यकता क्यों महसूस हुई? क्या यह ओडिशा भाजपा के भीतर चल रहे आंतरिक मतभेदों और असुरक्षा का परिणाम है?
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