-
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय गीत के महत्व पर विशेष संबोधन में की घोषणा
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को विधानसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष चर्चा में राष्ट्रीय गीत को देशभक्ति, त्याग और राष्ट्रीय चेतना का सर्वोच्च प्रतीक बताते हुए इसके ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वंदे मातरम् ने करोड़ों भारतीयों में साहस, एकता और उत्साह का संचार किया, और आज भी यह गीत राष्ट्रनिर्माण के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
मुख्यमंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस गीत की भावना से प्रेरित होकर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान दें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि आने वाले एक साल तक सभी जिलों, स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी व निजी संस्थानों में राष्ट्रीय गीत के सामूहिक गायन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि वंदे मातरम् को स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रीय गीत का दर्जा मिला, फिर भी कुछ लोगों ने इसकी महत्ता कम करने की कोशिश की है। इसी कारण प्रधानमंत्री ने इसे वर्षभर उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है, ताकि देशभक्ति की भावना फिर से प्रज्वलित हो सके।
‘वंदे मातरम्’ को देशभक्ति, त्याग और राष्ट्रभक्ति की भावना का प्रतीक
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ‘वंदे मातरम्’ को देशभक्ति, त्याग और राष्ट्रभक्ति की भावना का प्रतीक बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय गीत से प्रेरणा लेकर हर नागरिक को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटिश शासन ने ‘वंदे मातरम्’ पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि यह स्वतंत्रता आंदोलन का शक्तिशाली हथियार बन गया था।
उन्होंने कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास ‘आनंद मठ’ का यह गीत स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान लोगों में चेतना, उत्साह और क्रांतिकारी भावना जगाने का कार्य करता था।
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विशेष चर्चा न केवल विधानसभा की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए शिक्षा का माध्यम भी बनेगी। उन्होंने कहा कि यह गीत भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक होने के साथ-साथ सामूहिक संकल्प का भी प्रतीक है।
उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए एकजुट होकर कार्य करें।
प्रधानमंत्री मोदी के बयान का उल्लेख
मुख्यमंत्री ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस संबोधन का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर इसके राष्ट्रजागरण में योगदान और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता को रेखांकित किया था। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् की 150 साल की यात्रा कई ऐतिहासिक पड़ावों से होकर गुजरी है, और जिस एकता व साहस ने देश को स्वतंत्रता दिलाई, उसी भावना से अब भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य पूरा किया जाना चाहिए।
देशभक्ति ही देश की प्रगति की कुंजी
मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि देशभक्ति की भावना के बिना भारत की समग्र प्रगति असंभव है। हम कौन-सी भाषा बोलते हैं, किस धर्म या क्षेत्र से आते हैं, यह मायने नहीं रखता। यदि हममें देशभक्ति की भावना नहीं है, तो राष्ट्र का निर्माण संभव नहीं।
Indo Asian Times । Hindi News Portal । इण्डो एशियन टाइम्स,। हिन्दी न्यूज । न रूकेगा, ना झुकेगा।।
