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ओडिशा एसआई भर्ती घोटाले की पूरी जांच अब सीबीआई के हाथों में

  •     विजिलेंस कोर्ट ने सभी केस रिकॉर्ड सौंपे

  •     मुख्य आरोपी के बयान से बड़े नेटवर्क के संकेत

  •     आगे की सभी सुनवाई भुवनेश्वर सीबीआई कोर्ट के अधीन होगी

भुवनेश्वर। ओडिशा पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले की जांच अब पूरी तरह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) करेगी। मंगलवार को ब्रह्मपुर की विजिलेंस कोर्ट ने घोटाले से जुड़े सभी दस्तावेज और केस रिकॉर्ड आधिकारिक रूप से सीबीआई को सौंप दिया है। इसके साथ ही इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच और आगे की सभी सुनवाई भुवनेश्वर सीबीआई कोर्ट के अधीन होगी।

घोटाले से संबंधित मामले की शुरुआत गंजाम जिले के गोलंथरा थाने में हुई थी, जहां प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की गई थी। बाद में जांच दायरा बढ़ने पर इसे ओडिशा क्राइम ब्रांच को सौंपा गया। क्राइम ब्रांच ने कई गिरफ्तारियां कीं, डिजिटल सबूत इकट्ठा किए और आरोपियों से लंबी पूछताछ की, लेकिन अब राज्य सरकार के निर्देशों के बाद पूरा मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया है।

मुख्य आरोपी समेत 11 को झारपड़ा जेल भेजा गया

जांच की कार्रवाई के तेज होने के बीच सोमवार रात मुख्य आरोपी शंकर पृष्टि समेत 11 अन्य आरोपियों को ब्रह्मपुर से भुवनेश्वर स्थित झारपड़ा विशेष जेल स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में रखा गया है। अदालत के आदेश के बाद अब सीबीआई इन आरोपियों से कस्टडी रिमांड की मांग कर सकती है, ताकि पूछताछ को नए सिरे से आगे बढ़ाया जा सके।

अब केंद्रीय एजेंसी स्वतंत्र जांच शुरू करेगी

सरकारी सूत्रों के अनुसार, क्राइम ब्रांच द्वारा जब्त किए गए फॉरेंसिक रिपोर्ट, डिजिटल सबूत, सीजर लिस्ट, बैंक लेनदेन दस्तावेज और पूछताछ रिकॉर्ड भी सीबीआई को सौंप दिए गए हैं। इसी आधार पर अब केंद्रीय एजेंसी स्वतंत्र जांच शुरू करेगी।

हजार करोड़ के सौदे का दावा

स्थानांतरण से पहले मुख्य आरोपी शंकर पृष्टि के एक बयान ने नए सवाल खड़े कर दिए हैं। मीडिया से बातचीत में उसने दावा किया कि उसके पास पूर्व सरकार के समय हुए ‘1000 करोड़ रुपये के सौदे’ से जुड़े सबूत मौजूद हैं। पृष्टि ने बिना किसी का नाम लिये कहा कि यदि उसने आत्मसमर्पण नहीं किया होता, तो यह बड़ा सौदा सामने ही नहीं आता।

न्यायपालिका पर पूरा भरोसा – शंकर

उसने कहा कि असली साजिशकर्ता वही लोग हैं, जिन्होंने भर्ती परीक्षा को प्रभावित करने की साजिश रची। पृष्टि ने यह भी जोड़ा कि उसे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और उसके पास पूरे सबूत हैं। उसके इस बयान से मामले में बड़े नेटवर्क की संभावना और गहरी जांच की आवश्यकता का संकेत मिलता है।

व्हाट्सऐप चैट, डिजिटल फाइलों और बैंक लेनदेन की गहराई से जांच

सीबीआई के अधिग्रहण से पहले क्राइम ब्रांच ने शंकर और दूसरे प्रमुख आरोपी मुना मोहंती को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की थी। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने प्रश्नपत्र लीक करवाया और पैसों के लेनदेन के माध्यम से उम्मीदवारों के चयन को प्रभावित किया।

डिजिटल क्लूज की भी जांच की गई

जांच में उन डिजिटल क्लूज की भी जांच की गई है जिन्हें व्हाट्सऐप और अन्य एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म के जरिए भेजा गया बताया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, इन डिजिटल चैटों के क्रॉस-वेरिफिकेशन का काम अब सीबीआई की टीम करेगी और इन्हें आधिकारिक सबूतों का हिस्सा बनाएगी। सभी दस्तावेजों की औपचारिक हैंडओवर प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब सीबीआई इस भर्ती घोटाले की गहराई से जांच शुरू करेगी।

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