-
48 घंटे में चक्रवात ‘सेन्यार’ बनने की आशंका
-
ओडिशा में फिलहाल किसी बड़े प्रभाव की संभावना नहीं
-
अगले छह दिनों तक शुष्क मौसम रहेगा
-
रात के तापमान में गिरावट के आसार
भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी में मौसम की स्थिति एक बार फिर तेजी से बदल रही है। कोमोरिन क्षेत्र और इसके आसपास दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी व श्रीलंका के समीप एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बना है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह अगले 24 घंटों में और अधिक स्पष्ट रूप ले सकता है।
इस बीच, मलेशिया और मलक्का जलडमरूमध्य के पास बना अच्छी तरह संगठित निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़कर डिप्रेशन में बदल चुका है। यह जॉर्ज टाउन (मलेशिया) से लगभग 70 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है और इसके बाद यह प्रणाली अगले 48 घंटों में दक्षिण बंगाल की खाड़ी के ऊपर आगे तीव्र होकर चक्रवात का रूप ले सकती है। यदि यह चक्रवात बनता है तो इसका नाम ‘सेन्यार’ होगा, जिसका अर्थ ‘शेर’ है। यह नाम संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) द्वारा सुझाया गया है।
वहीं, कोमोरिन और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के पास बना दूसरा निम्न दबाव का क्षेत्र भी धीरे-धीरे अधिक संगठित होकर डिप्रेशन बनने के चरण में पहुंच चुका है।
लैंडफॉल को लेकर अभी स्पष्ट स्थिति नहीं
चक्रवात की संभावित दिशा और लैंडफॉल को लेकर अभी स्पष्ट स्थिति नहीं बन पाई है। मौसम विभाग का कहना है कि स्थिति लगातार बदल रही है और मॉडलों में विविधता होने के कारण अभी अंतिम निष्कर्ष निकालना मुश्किल है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले अक्टूबर में चक्रवात ‘मोंथा’ आंध्र प्रदेश के नर्सापुरम के पास तट से टकराया था।
लोगों से न घबराने की अपील
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने किसी भी संभावित स्थिति को लेकर लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह तैयार है।
दिशा और प्रभाव फिलहाल स्पष्ट नहीं
इसी बीच वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जेसन निकोल्स ने भी बंगाल की खाड़ी में इस सप्ताह चक्रवातीय तूफान बनने की संभावना जताई है। उन्होंने बताया कि श्रीलंका के पास एक निम्न दबाव का क्षेत्र और दक्षिण अंडमान सागर में एक अन्य निम्न दबाव का क्षेत्र सक्रिय है, जिनकी दिशा और प्रभाव फिलहाल स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन पूर्वी भारत और बांग्लादेश पर इसका असर संभावित है।
प्रणाली पर लगातार रखी जा रही है निगरानी
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काइमेट ने कहा कि कोमोरिन क्षेत्र का निम्न दबाव संभवतः दक्षिण-पूर्व अरब सागर में बने तंत्र से मिल सकता है। इस संभावित विलय के बाद एक मजबूत प्रणाली तैयार हो सकती है, जो 26 से 29 नवंबर के बीच दक्षिण-मध्य अरब सागर की ओर बढ़ेगी और बाद में केरल तट के नजदीक आने की भी आशंका है। एजेंसी का कहना है कि चार दिनों से अधिक की भविष्यवाणी में अनिश्चितता बढ़ जाती है, इसलिए इस प्रणाली पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
मौसम के बदलते मिजाज और लगातार बन रहे दोहरे निम्न दबाव के क्षेत्रों ने मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन तंत्र को सतर्क कर दिया है। हालांकि, राज्य सरकार और विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल ओडिशा के लिए चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
Indo Asian Times । Hindi News Portal । इण्डो एशियन टाइम्स,। हिन्दी न्यूज । न रूकेगा, ना झुकेगा।।
