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24 नवंबर तक डिप्रेशन के गहरे दबाव में बदलने की आशंका
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तटीय ओडिशा में सतर्कता बढ़ी, सरकार ने कहा-पूरी तरह तैयार
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बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी
भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी पर बना डिप्रेशन अब डीप डिप्रेशन में बदल गया है, जिससे अगले कुछ दिनों में चक्रवात बनने की संभावना प्रबल हो गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह परिस्थितियां दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ते हुए डिप्रेशन से डीप डिप्रेशन और फिर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। हालांकि इसके मार्ग को लेकर अभी स्पष्टता नहीं है, लेकिन तटीय इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
मछुआरों को समुद्र से दूर रहने के निर्देश
मौसम वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि डीप डिप्रेशन के ताकतवर होने पर तटीय जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं का दौर शुरू हो सकता है। मछुआरों को फिलहाल समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
भारतीय मौसम विभाग आईएमडी इस मौसम तंत्र पर लगातार नजर बनाए हुए है और अगले 48 घंटों में इसके प्रभाव और तीव्रता को लेकर आधिकारिक अपडेट जारी करेगा।
27 नवंबर के बाद बदल सकते हैं हालात
क्षेत्रीय मौसम केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती के अनुसार, डिप्रेशन बनने के बावजूद ओडिशा में अगले कुछ दिनों तक शुष्क मौसम ही बने रहने की संभावना है। हालांकि 27 नवंबर के बाद तटीय जिलों में बादल छाने और हल्की से मध्यम बारिश शुरू होने की संभावना है। इसके तट के और करीब आने पर कुछ जिलों में भारी से अति भारी बारिश भी हो सकती है।
दक्षिण अंडमान सागर के पास डीप डिप्रेशन हुआ और मजबूत
दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी में बना मौसम तंत्र लगातार मजबूत हो रहा है और 25 नवंबर तक यह दक्षिण अंडमान सागर के पास और सक्रिय हो सकता है।
मौसम वैज्ञानिक संदीप पटनायक ने बताया कि मलक्का जलडमरूमध्य और दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी में स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं, जिससे यह प्रणाली मैडन–जूलियन ऑसिलेशन (एमजेओ) चरण को पार कर और ताकतवर हो सकती है।
उन्होंने बताया कि प्रशांत महासागर से तेज हवाओं का प्रवेश, समुद्र की विस्तृत सतह और ठंडी हवाओं की अनुपस्थिति मिलकर इसे और भी तीव्र बना रहे हैं।
26 से 30 नवंबर के बीच खतरनाक रूप ले सकता है सिस्टम
पटनायक के अनुसार, यह मौसम तंत्र 21 नवंबर से लेकर 2 या 3 दिसंबर तक सक्रिय रह सकता है। 26 से 30 नवंबर के बीच इसकी तीव्रता सबसे अधिक रहने की संभावना है, जिस दौरान यह दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तट के पास मजबूत रूप ले सकता है।
तेज हवाएं 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने की आशंका
मौसम मॉडल के अनुसार, 25 नवंबर की शाम से दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी में हवाओं की रफ्तार 50–60 किमी/घंटा हो सकती है। 26 नवंबर को यह बढ़कर 60-70 किमी/घंटा (कभी-कभी 80 किमी/घंटा) और 27 नवंबर की सुबह तक 100 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। हालांकि आईएमडी ने अभी तक आधिकारिक रूप से चक्रवात का मार्ग या लैंडफॉल को लेकर बुलेटिन जारी नहीं किया है।
तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा पर पड़ सकता है प्रभाव
पटनायक ने कहा कि इस तंत्र का प्रभाव तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश पर अधिक हो सकता है, लेकिन अगर अंडमान सागर पर सक्रिय दो परिसंचरण आपस में मिलते हैं तो ओडिशा भी इसके प्रभाव क्षेत्र में आ जाएगा।
दो डिप्रेशन बने हैं, ओडिशा सरकार पूरी तरह तैयार
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि सिस्टम अभी तट से लगभग 1000 किलोमीटर दूर है, लेकिन सरकार पूरी तरह अलर्ट पर है।
उन्होंने कहा कि दो डिप्रेशन बने हैं और अंडमान सागर में एक अन्य परिसंचरण सक्रिय है। इनके मिलकर तट की ओर बढ़ने की संभावना है। राज्य पर किसी भी संभावित प्रभाव से निपटने के लिए सभी विभाग तैयार हैं और पूरी सतर्कता में हैं। राज्य सरकार ने सभी तटीय जिलों में निगरानी बढ़ाने, मछुआरों को चेतावनी देने और आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय मोड में रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
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