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सीएम मोहन चरण माझी ओडिशा को 2036 तक विकसित राज्य बनाने का संकल्प दोहराया
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आईआईटीएफ-2025 में ओडिशा राज्य दिवस पर मुख्यमंत्री ने किया लोगों से आह्वान
नई दिल्ली/भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और यह विकास राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखते हुए आधुनिक तकनीक और नवाचार के रास्ते पर आगे बढ़कर हासिल किया जाएगा। 44वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (आईआईटीएफ) 2025 में ओडिशा राज्य दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए उन्होंने 2036 तक विकसित ओडिशा के निर्माण के लिए सभी को साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईआईटीएफ की थीम ओडिशा की आकांक्षाओं और संभावनाओं को सटीक रूप से प्रतिबिंबित करती है। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक के उपयोग से ओडिशा उन्नत माइक्रो-उत्पादों, विशेषकर सिलिकॉन सेमीकंडक्टर चिप निर्माण के क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान बना रहा है। यह प्रगति न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी, बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने, बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरणीय संतुलन सुनिश्चित करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ ग्रह निर्माण की दिशा में ठोस नीतियां बना रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आत्मनिर्भर भारत का खाका ओडिशा में तेजी से आकार ले रहा है।
मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि उत्कर्ष ओडिशा: मेक-इन-ओडिशा कॉन्क्लेव के माध्यम से वैश्विक उद्योगपतियों और निवेशकों को आकर्षित करने, ओडिशा के युवाओं और स्टार्टअप्स के अभिनव उत्पादों को विश्व पटल पर लाने और अंतरराष्ट्रीय मिलेट सम्मेलन जैसे आयोजन कर श्रीअन्न को वैश्विक बाजारों से जोड़ने के प्रयासों को दुनिया भर में व्यापक सराहना मिल रही है।
विशेष संस्करणों का विमोचन किया
इसके बाद मुख्यमंत्री ने एम्फीथियेटर-1 में दीप प्रज्वलित कर ओडिशा राज्य दिवस का उद्घाटन किया और उत्कल प्रसंग तथा ओडिशा रिव्यू के विशेष संस्करणों का विमोचन किया। उन्होंने ओडिशा पवेलियन का दौरा कर विभिन्न विभागों के स्टॉल, कारीगरों और बुनकरों से बातचीत की और राज्य की गौरवशाली कला-परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
पारंपरिक नृत्यों का हुआ प्रदर्शन
राज्य दिवस के अवसर पर भुवनेश्वर नूपुर संस्थान के कलाकारों द्वारा ओडिशी नृत्य, दिग्गपहंडी (गंजाम) की विचित्र वर्णावली नाट्य संसद द्वारा पशुमुखा नृत्य, सोनपुर स्थित रुमकुझुम कला संस्थान द्वारा संबलपुरी नृत्य, कंधमाल जिले की नई कला संसद द्वारा शिंघा नृत्य तथा कलाहांडी के वृंदावन सांस्कृतिक संस्थान द्वारा घुमुरा नृत्य प्रस्तुत किए गए।
आत्मनिर्भर ओडिशा बनाने के लिए प्रेरित किया
इसके बाद मुख्यमंत्री ने ओडिशा मंडप का भ्रमण कर विभिन्न विभागों के स्टॉलों के अधिकारियों, कलाकारों और बुनकरों से बातचीत की तथा ओडिशा की गौरवमयी विरासत को बनाए रखते हुए राज्य को आत्मनिर्भर ओडिशा बनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में सांसद प्रताप षाड़ंगी, सुजीत कुमार, निरंजन बिशी, पूर्व सांसद अमर पटनायक, ओडिशा उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति श्रीमती सावित्री रथ, उद्योग एवं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हेमंत शर्मा, ओड़िया भाषा, साहित्य एवं संस्कृति विभाग के सचिव विजय केतन उपाध्याय, नई दिल्ली स्थित ओडिशा भवन के प्रधान आवासीय आयुक्त विशाल गगन, स्वतंत्र आवासीय आयुक्त श्रीमती ऋतु अरोड़ा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक अनूज कुमार दास पटनायक, तकनीकी निदेशक गुरवीर सिंह सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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