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63 बूथों में गड़बड़ी का दावा किया
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चुनाव आयोग से करेगी शिकायत
भुवनेश्वर। नुआपड़ा में हुए विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। बीजद की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) ने शनिवार को निर्णय लिया कि वह चुनाव आयोग से औपचारिक शिकायत दर्ज कराएगी। पार्टी ने उपचुनाव के दौरान व्यापक धांधली, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और मतदान प्रक्रिया में हेराफेरी के गंभीर आरोप लगाए हैं।
63 बूथों में वोटरों को नहीं मिला स्वतंत्र मतदान का मौका – बीजद
वरिष्ठ बीजद नेता प्रमिला मल्लिक ने मीडिया से कहा कि 11 नवंबर को हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा ने मांसपेशी शक्ति, धनबल और प्रशासनिक तंत्र का गलत इस्तेमाल किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कम से कम 63 बूथों में मतदाताओं को स्वतंत्र रूप से वोट डालने नहीं दिया गया और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में हेराफेरी कर वोटों को भाजपा के पक्ष में मोड़ा गया।
बीजद के वोट को जबरन मोड़ा गया
उन्होंने कहा कि इन बूथों में साफ दिखाई दे रहा है कि बीजद के वोट को जबरन मोड़ दिया गया। हम इन बूथों की तकनीकी जांच कर यह स्पष्ट करेंगे कि हमारे वोट कैसे शिफ्ट किए गए।
ईवीएम छेड़छाड़ की आशंका पहले ही जताई थी : प्रमिला
मल्लिक ने बताया कि मतदान से दो दिन पहले ही बीजद ने चुनाव आयोग को ईवीएम में संभावित छेड़छाड़ के बारे में चेताया था। उन्होंने कहा कि हम अपनी विस्तृत जांच करेंगे, ईवीएम में हुई गड़बड़ी को उजागर करेंगे और जनता को भाजपा की ‘लोकतंत्र की हत्या’ की कोशिश के बारे में बताएंगे।
शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी
पीएसी की बैठक में बीजद ने यह भी तय किया कि आगामी शीतकालीन सत्र में प्रदेश की मोहन माझी सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरा जाएगा। पार्टी उपचुनाव से जुड़े सभी आरोपों और प्रशासनिक गड़बड़ियों को सदन में उठाने की रणनीति बना रही है।
नुआपड़ा में भाजपा की बड़ी जीत, बीजद तीसरे स्थान पर
नुआपड़ा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार जय ढोलकिया ने कांग्रेस प्रत्याशी घासीराम माझी को 83,478 वोटों के बड़े अंतर से हराया। ढोलाकिया को कुल 1,23,869 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 40,121 वोट मिले। बीजद उम्मीदवार और पूर्व मंत्री स्नेहांगिनी छुरिया केवल 38,408 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहीं।
नुआपड़ा कभी बीजद का मजबूत गढ़ रहा
नुआपड़ा कभी बीजद का मजबूत गढ़ रहा है। राजेंद्र ढोलाकिया लगातार तीन बार बीजद के टिकट पर यहां से जीते थे, लेकिन उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनके बेटे जय ढोलकिया भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ने उतरे और भारी जीत हासिल की।
अब बीजद की तैयारी-कानूनी लड़ाई भी, राजनीतिक लड़ाई भी
बीजद ने संकेत दिया है कि वह उपचुनाव में हुई कथित धांधलियों को लेकर कानूनी और राजनीतिक-दोनों मोर्चों पर लड़ाई लड़ेगी। पार्टी का कहना है कि 63 बूथों की विस्तृत जांच ही सच्चाई को सामने लाएगी और चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग को मजबूत करेगी।
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