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ओडिशा सरकार ने तटीय मछली पकड़ने पर सात माह का प्रतिबंध लगाया

  •     ऑलिव रिडले कछुओं के प्रजनन की सुरक्षा के लिए फैसला

  •     1 नवंबर से 31 मई तक रहेगा प्रतिबंध

  •     रुशिकुल्या, धमरा और देवी नदीमुख क्षेत्र शामिल

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और विलुप्तप्राय ऑलिव रिडले समुद्री कछुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य के तटीय इलाकों में सात महीने का मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाया है। यह प्रतिबंध 1 नवंबर से शुरू होकर 31 मई तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि में राज्य के समुद्री तटों पर मछली पकड़ने की सभी गतिविधियों पर सख्त रोक रहेगी ताकि इन दुर्लभ प्रजाति के कछुओं के सुरक्षित प्रजनन और घोंसले बनाने की प्रक्रिया प्रभावित न हो।

सरकारी निर्देशों के अनुसार, तट से 20 किलोमीटर तक के समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यह रोक विशेष रूप से रुशिकुल्या, धमरा और देवी नदियों के मुहानों के पास लागू की गई है, जहां हर साल हजारों की संख्या में ऑलिव रिडले कछुए अंडे देने के लिए समुद्र तट पर आते हैं। ये तीनों स्थल ओडिशा के प्रमुख मैस नेस्टिंग साइट्स के रूप में जाने जाते हैं।

यांत्रिक नौकाओं पर सख्त रोक

सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस अवधि में मैकेनाइज्ड नौकाओं और ट्रॉलरों के इस्तेमाल पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, पारंपरिक मछुआरों को सीमित राहत दी गई है। वे केवल 85 मीटर से छोटी गैर-यांत्रिक नौकाओं से 20 किलोमीटर से अधिक दूरी पर जाकर मछली पकड़ सकते हैं। इन नौकाओं से होने वाली गतिविधियां कछुआ संरक्षण क्षेत्र के बाहर तक सीमित रहेंगी।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रजनन और अंडे देने के मौसम के दौरान समुद्र में कछुओं की भारी संख्या में उपस्थिति होती है। ऐसे में किसी भी प्रकार की नौकायन गतिविधि या मछली पकड़ने से उनके जीवन चक्र में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसलिए कछुओं के एकत्रीकरण, संभोग और घोंसले बनाने वाले क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

दुनिया के सबसे बड़े कछुआ प्रजनन स्थलों में से एक है ओडिशा तट

हर वर्ष ओडिशा के समुद्री तटों पर दुनिया की सबसे बड़ी ऑलिव रिडले कछुओं की प्रजनन घटनाओं में से एक देखी जाती है। इन कछुओं का यह सामूहिक आगमन राज्य के पर्यावरणीय संतुलन और जैव विविधता का प्रतीक है। विशेषज्ञों के अनुसार, मौसमी प्रतिबंध इन दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए समुद्री जैव विविधता को बनाए रखा जा सके।

सरकार ने सभी मछुआरों से इस आदेश का पालन करने की अपील की है और चेतावनी दी है कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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