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गृह मंत्रालय ने ओडिशा सहित 16 राज्यों से मांगी रिपोर्ट
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4 नवंबर तक राज्यों से मांगे गए वर्दी भत्ता व यूनिफॉर्म लागत के विवरण
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ओडिशा डीजीपी कंट्रोल रूम ने राज्य पुलिस मुख्यालय को तुरंत जानकारी भेजने का दिया निर्देश
भुवनेश्वर। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘वन नेशन, वन पुलिस यूनिफॉर्म’ अब लागू होने के चरण में पहुंच गई है। गृह मंत्रालय ने ओडिशा, आंध्र प्रदेश, झारखंड, केरल, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल सहित 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मौजूदा पुलिस वर्दियों और भत्तों से संबंधित विस्तृत जानकारी 4 नवंबर तक देने को कहा है।
गृह मंत्रालय ने राज्यों के पुलिस महानिदेशकों से कांस्टेबल से लेकर डिप्टी एसपी रैंक तक के कर्मचारियों को मिलने वाले सालाना वर्दी भत्ते का ब्यौरा तथा एक जोड़ी वर्दी की अनुमानित लागत की जानकारी मांगी है। इसके बाद ओडिशा डीजीपी कंट्रोल रूम ने राज्य पुलिस मुख्यालय को तुरंत जानकारी एकत्र कर भेजने के निर्देश दिए हैं।
डिजाइन और मटेरियल का जिम्मा बीपीआरएंडडी को
सूत्रों के अनुसार, यह पूरी कवायद ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरएंडडी) के अध्ययन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में पुलिस की पोशाक को एक समान स्वरूप देना है। बीपीआरएंडडी वर्दी के रंग, कपड़े, प्रतीक चिन्ह और लागत जैसे पहलुओं का अध्ययन कर एक मानक मॉडल तैयार करेगा। हालांकि, राज्यों को अपने प्रतीक और रैंक चिह्न बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी ताकि स्थानीय पहचान बरकरार रहे।
पुलिस की पहचान पूरे देश में एक समान होगी
‘वन नेशन, वन पुलिस यूनिफॉर्म’ की अवधारणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2022 में आयोजित राज्य गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में प्रस्तुत की थी। इसके बाद 2023 में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उनके सुझाव मांगे थे। प्रधानमंत्री ने कहा था कि इससे पुलिस की पहचान पूरे देश में एक समान होगी और संस्थागत एकरूपता को बढ़ावा मिलेगा।
चरणबद्ध रूप से नीति होगी लागू
सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय की समीक्षा और अनुमोदन के बाद चरणबद्ध रूप से इस नीति को लागू किया जाएगा। इसके तहत रंग कोड, कपड़े की गुणवत्ता और खरीद प्रक्रिया के दिशा-निर्देश जारी होंगे। यह पहली बार होगा जब पूरे देश में पुलिस बल के लिए एक ही डिजाइन और मानक लागू होगा, जिससे स्वतंत्रता के बाद से चली आ रही राज्यवार भिन्नता समाप्त हो जाएगी। यह नीति अंतर-मंत्रालयी परामर्श के बाद औपचारिक रूप से घोषित की जाएगी।
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