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ओडिशा में भारी बारिश और भूस्खलन से जनजीवन प्रभावित
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आठ जिलों में भूस्खलन और मकानों को नुकसान
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140 राहत टीमों की तैनाती
भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवात मॉनथा मंगलवार रात आंध्र प्रदेश के तट से टकराने के बाद बुधवार को कमजोर होकर पहले चक्रवात और फिर डिप डिप्रेशन में तब्दील हो गया, जिससे ओडिशा के दक्षिणी और तटीय इलाकों में भारी से अति भारी वर्षा का दौर शुरू हो गया है। तूफान की तीव्रता इतनी थी कि तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश से पेड़ उखड़ गए, मकानों को नुकसान पहुंचा और कई जगह भूस्खलन की घटनाएं भी दर्ज की गईं।
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात में 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं, जिसकी झोंकों की गति कभी-कभी 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच रही हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र (आईएमडी) ने बताया कि ‘मॉनथा’ ने मछिलीपट्टनम और काकीनाडा के बीच आंध्र तट पर दस्तक दी। इस दौरान तूफान का केंद्र मछिलीपट्टनम से 60 किमी पूर्व और गोपालपुर से लगभग 480 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित था। इसके प्रभाव से ओडिशा के मालकानगिरि, कोरापुट, रायगड़ा, गजपति, गंजाम, कलाहांडी, नवरंगपुर और कंधमाल जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इन इलाकों में भूस्खलन और बिजली आपूर्ति बाधित होने की खबरें मिली हैं।
ओडिशा सरकार ने सतर्कता बढ़ाई
स्थिति को ध्यान में रखते हुए ओडिशा सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। निम्न-स्तरीय और पहाड़ी इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य में एनडीआरएफ, ओड्राफ और फायर सर्विस की 140 टीमें (5,000 से अधिक कर्मी) राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। प्रशासन ने बताया कि अब तक किसी बड़े जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन नुकसान का प्रारंभिक आकलन जारी है।
चक्रवात की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी
वहीं, डॉप्लर रडार और उपग्रहों के माध्यम से चक्रवात की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। मौसम विभाग ने बताया कि अगले 12 घंटों तक तूफान का प्रभाव जारी रह सकता है। ओडिशा के दक्षिणी जिलों में अति भारी वर्षा और तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है, जबकि तटीय इलाकों में समुद्र में ऊंची लहरें उठने की संभावना है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घरों में रहें और मौसम विभाग के निर्देशों का पालन करें।
तेलंगाना क्षेत्र में हुआ कमजोर
आंध्र प्रदेश में लैंडफॉल के बाद चक्रवात मॉनथा अब कमजोर होकर डीप डिप्रेशन में बदल गया है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, यह सिस्टम बुधवार सुबह तटीय आंध्र प्रदेश और सटे तेलंगाना क्षेत्र में 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ते हुए कमजोर हुआ।
ओडिशा के 12 जिलों भारी बारिश की संभावना
इसके प्रभाव से ओडिशा के 12 जिलों मालकानगिरि, कोरापुट, गंजाम, गजपति, रायगड़ा, कलाहांडी, भद्रक, बालेश्वर, केंदुझर, मयूरभंज, सुंदरगढ़ और नबरंगपुर में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इन जिलों में तेज हवा के साथ बारिश से बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान, कच्चे मकानों के क्षतिग्रस्त होने, सड़क-रेल यातायात प्रभावित होने, और निचले इलाकों में जलभराव व भूस्खलन की आशंका है।
65 किमी प्रति घंटे तक की तेज हवाएं
कोरापुट और मालकानगिरि में 65 किमी प्रति घंटे तक की तेज हवाएं चल सकती हैं, जबकि तटीय इलाकों में झोंकों की रफ्तार 45–55 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। गंजाम, भद्रक, कटक, पुरी, खुर्दा समेत अन्य जिलों में भी गरज-चमक के साथ बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और फायर सर्विस की टीमों को तैयार रखा है। वहीं, गोपालपुर में मौसम सुधरने के बाद पर्यटक लौटने लगे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 30 और 31 अक्टूबर तक राज्य के कई हिस्सों में गरज-चमक और हल्की बारिश की स्थिति बनी रह सकती है।
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