-
आरोपी दीपक ने अपनी पहली पत्नी की भी हत्या की थी : पुलिस
भुवनेश्वर। ट्रैफिक कांस्टेबल शुभमित्रा की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। कमिश्नरेट पुलिस ने जानकारी दी कि आरोपी दीपक राउत का आपराधिक अतीत और भी भयावह है। उसने न केवल शुभमित्रा की हत्या की, बल्कि अपनी पहली पत्नी अपर्णा प्रियदर्शिनी की भी हत्या की थी।
मार्च 2022 में खुनटुनी थाना क्षेत्र के राधाकिशोरपुर के पास अपर्णा की मौत को सड़क दुर्घटना बताया गया था, लेकिन पुलिस की दोबारा जांच में यह मामला हत्या का साबित हुआ। फोरेंसिक जांच और नए साक्ष्यों ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह कोई दुर्घटना नहीं थी, बल्कि दीपक द्वारा रची गई साजिश थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला राज़
अपर्णा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को एक स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड ने दोबारा जांचा, जिसमें पाया गया कि घाव सड़क दुर्घटना से मेल नहीं खाते। इस निष्कर्ष ने मामले को हत्या के रूप में स्थापित कर दिया। पुलिस ने अपर्णा के परिवार, पूर्व जांच अधिकारियों, खुनटुनी थाना के कर्मियों, चिकित्सकों और दीपक के रिश्तेदारों से भी पूछताछ की है।
श्रृंखलाबद्ध हत्याओं का शक, नार्को टेस्ट होगा
दीपक राउत फिलहाल झारपड़ा जेल में बंद है और जल्द ही उसका लाई डिटेक्शन टेस्ट (झूठ पकड़ने वाला परीक्षण) कराया जाएगा। पूछताछ के दौरान दीपक ने कई ऐसे बयान दिए हैं, जिनसे उसके श्रृंखलाबद्ध हत्याओं में शामिल होने की संभावना और गहराई से जांची जा रही है।
शुरू से था दीपक पर शक – पुलिस आयुक्त
ट्विन सिटी पुलिस आयुक्त सुरेश देव दत्त सिंह ने कहा कि दीपक पर शुरू से ही संदेह था, लेकिन साक्ष्य की कमी के कारण कार्रवाई नहीं की जा सकी। उन्होंने बताया कि शुभमित्रा ने घटना से दो हफ्ते पहले एक चैट में लिखा था कि वह मानसिक रूप से परेशान है और कहीं छिप जाना चाहती है।
उन्होंने आगे कहा कि शुभमित्रा कृष्ण भक्ति में गहराई से जुड़ी हुई थी, इसलिए प्रारंभिक खोज धार्मिक स्थलों पर की गई। बाद में जांच में दीपक की संलिप्तता के ठोस सबूत मिले, जिससे मामला पूरी तरह से स्पष्ट हो गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दीपक की गिरफ्तारी के बाद अब यह मामला प्रेम, धोखे और योजनाबद्ध हत्या की एक भयावह कहानी बन चुका है, जिसने पूरे ओडिशा को झकझोर दिया है।