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सैकड़ों अभ्यर्थियों से वसूले 62 लाख रुपये, झाड़ूदार की नौकरी देने का झांसा
संबलपुर। पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती घोटाले के बाद ओडिशा में एक और बड़ा फर्जी नौकरी रैकेट बेनकाब हुआ है। बुर्ला पुलिस ने गुरुवार को एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया, जो पश्चिम ओडिशा के कई जिलों में सरकारी झाड़ूदार (चतुर्थ श्रेणी) नौकरी का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये वसूल रहा था। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों, पद्मावती टांडी और राहुल राय को गिरफ्तार किया है और उनके पास से लगभग 62 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं।
गरीब परिवारों और महिलाओं को बनाया निशाना
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने संबलपुर, बरगड़, बौध और सोनपुर जिलों में गरीब परिवारों और महिलाओं को निशाना बनाया। वे प्रति अभ्यर्थी 12 हजार रुपये वसूलकर सरकारी कार्यालयों में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी दिलाने का वादा करते थे। गिरोह के सदस्यों ने फर्जी सिफारिश पत्र और नकली दस्तावेजों के जरिए लोगों को झांसा दिया तथा छोटे सामुदायिक बैठकों के माध्यम से भरोसा जीतने की कोशिश की।
नेताओं से शिकायत पर फर्जीवाड़े का खुला राज
गिरोह की पोल तब खुली जब कई महिलाओं ने स्थानीय नेताओं से शिकायत की कि पैसे देने के बावजूद उन्हें कोई नियुक्ति पत्र नहीं मिला। संबलपुर के एसपी मुकेश कुमार ने बताया कि पहले कई शिकायतें अनौपचारिक रूप से सामने आ रही थीं, लेकिन लोग पुलिस के पास नहीं जा रहे थे क्योंकि कुछ लोगों को नकद लौटाकर झूठा भरोसा दिलाया जा रहा था। बाद में पुलिस ने गुप्त सूचना पर जाल बिछाया और छापेमारी कर गिरोह को पकड़ लिया।
62 लाख रुपये नकद बरामद
पुलिस ने अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर 62 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं। यह रकम नौकरी के नाम पर लोगों से वसूली गई थी। पुलिस अब इस पैसे के स्रोत और यूपीआई ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके।
प्रशासन की चेतावनी
घोटाले की जानकारी सामने आने के बाद संबलपुर नगर निगम ने नागरिकों को सावधान रहने की अपील की है। डिप्टी कमिश्नर सुशांत कुमार साहू ने कहा कि दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है और 62 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपियों ने सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का लालच देकर पैसे वसूले। सभी से अपील है कि किसी भी व्यक्ति को पैसे न दें जो सरकारी नौकरी दिलाने का दावा करता हो।