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पीतावास पंडा हत्याकांड का फरार आरोपी सुदर्शन जेना ने किया आत्मसमर्पण

  •  बीजद नेता विक्रम पंडा के करीबी सहयोगी माने जाते हैं जेना

  •  दो अन्य फरार आरोपियों पर पुलिस की कड़ी निगरानी

ब्रह्मपुर। वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा नेता पीतावास पंडा हत्याकांड का फरार आरोपी सुदर्शन जेना ने गुरुवार को ब्रह्मपुर के बैद्यनाथपुर पुलिस थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। सूत्रों के अनुसार, कई दिनों से फरार चल रहे जेना को बीजद नेता विक्रम पंडा का करीबी सहयोगी माना जाता है।

माना जा रहा है कि जेना ने हत्या की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी। फरार आरोपियों की पहचान कुरुपति भुइयां और उमा बिसोई के रूप में हुई है।

हत्याकांड के सिलसिले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अगर जेना को आत्मसमर्पण के बाद गिरफ्तार कर लिया जाता है, तो गिरफ्तारियों की कुल संख्या बढ़कर 14 हो जाएगी।

पुलिस अधीक्षक सरवण विवेक एम ने पुष्टि की है कि फरार आरोपियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

राजनीतिक हस्तियों की संलिप्तता की हो रही जांच

सूत्रों के अनुसार, पुलिस कुछ पार्षदों और राजनीतिक हस्तियों की संभावित संलिप्तता की भी जांच कर रही है, जिनके आरोपियों से अप्रत्यक्ष संबंध हो सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि पूर्व विधायक और वरिष्ठ बीजद पदाधिकारी विक्रम पंडा की गिरफ्तारी पर गंजाम जिले में तीखी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं शुरू हो गई हैं।

मुख्य आरोपियों को आश्रय देने पर जयपुर का व्यवसायी गिरफ्तार

इधर, ब्रह्मपुर पुलिस ने कोरापुट से एक और संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जयपुर के व्यवसायी सुनील होता को पीतवास पंडा हत्या मामले में मुख्य आरोपियों को आश्रय देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ब्रह्मपुर पुलिस की एक विशेष टीम ने जयपुर टाउन पुलिस के सहयोग से होता को श्रीरामनगर से हिरासत में लिया।

सह आरोपी चार दिनों तक होता के फार्महाउस में रहे

जांच के दौरान सामने आया कि होता ने आरोपी उमा बिसोई और कुरुपति भुइयां को जयपुर के पास ताटिबेडा गांव की एक ईंट भट्टे में आश्रय दिया था। होटा को विक्रम पंडा का करीबी सहयोगी भी माना जाता है। जयपुर पुलिस द्वारा उसका पता लगने के बाद उसे स्टेशन बुलाया गया, पूछताछ की गई और बाद में ब्रह्मपुर पुलिस टीम को सौंप दिया गया। हत्या के बाद सह आरोपी बिसोई और भुइयां चार दिन तक होता के फार्महाउस में छिपे रहे।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में 12 अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी आरोपियों को ब्रह्मपुर सेंट्रल जेल के अलग-अलग वार्ड में रखा गया है। सुनील होता की गिरफ्तारी के साथ ही पीतावास पंडा हत्या मामले में कुल 13 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

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