-
त्योहारों में उपहार देने-लेने और इस पर होने वाले खर्च पर रोक
-
उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने की अपील-कोई भी उपहार न लाएं
भुवनेश्वर। दिवाली से पहले ओडिशा सरकार ने राज्य भर के सरकारी दफ्तरों और सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) में ‘नो गिफ्ट पॉलिसी’ लागू करने की औपचारिक घोषणा की है। केंद्र सरकार की नीति का पालन करते हुए शुक्रवार को राज्य प्रशासन ने सभी विभागों को निर्देश जारी किए कि किसी भी प्रकार का उपहार देना, लेना या उस पर खर्च करना सख्त वर्जित रहेगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह नीति न केवल दिवाली बल्कि आने वाले सभी त्योहारों पर लागू होगी। इस निर्णय के बाद अब किसी भी सरकारी कार्यालय या सार्वजनिक उपक्रम को उपहार खरीदने, वितरित करने या स्वीकार करने पर खर्च करने की अनुमति नहीं होगी।
क्या है ‘नो गिफ्ट पॉलिसी’?
यह नीति सरकारी दफ्तरों में उपहारों से संबंधित सभी प्रकार के लेन-देन और खर्च को रोकती है। इसके तहत किसी भी वस्तु की खरीद, अधिकारियों में वितरण या उपहार स्वीकार करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे नीति के पालन की कड़ी निगरानी करें और किसी भी उल्लंघन की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करें।
केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप राज्य सरकार ने यह नीति अपनाई है। इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सभी मंत्रालय, विभाग और अन्य सरकारी संस्थान त्योहारों पर उपहारों पर कोई खर्च नहीं करेंगे।
उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा की अपील
उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने सोशल मीडिया के माध्यम से जनता और आगंतुकों से अनुरोध किया कि वे उनके कार्यालय में कोई उपहार लेकर न आएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नीति राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक उपक्रमों में लागू है और इसका पालन हर स्तर पर सुनिश्चित किया जाएगा।
सभी विभागों को औपचारिक पत्र जारी
राज्य सरकार ने सभी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि किसी भी प्रकार के उपहार या संबंधित वस्तुओं पर खर्च नहीं किया जाएगा। सभी अधिकारियों को नीति के पालन को लेकर जिम्मेदार ठहराया गया है। इस कदम को सरकार की पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी की दिशा में महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जो प्रशासनिक तंत्र में स्वच्छता और नैतिकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।