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पुलिस थाने के घेराव से जाम में फंसे राहगीर
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राजमहल से एजी स्क्वायर तक लगी लंबी कतार
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ऑनलाइन–ऑफलाइन चालकों के बीच विवाद ने पकड़ा तूल
भुवनेश्वर। राजधानी भुवनेश्वर में मंगलवार को स्मार्ट सिटी ऑनलाइन ऑटो ड्राइवर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने कैपिटल थाने के सामने प्रदर्शन कर ऑनलाइन ऑटो सेवाओं को ठप कर दिया। सैकड़ों ऑटो रिक्शा थाने के बाहर खड़े कर दिए गए, जिससे राजमहल–एजी स्क्वायर मार्ग पर भारी जाम लग गया और आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, यह विरोध प्रदर्शन उस घटना के विरोध में हुआ, जो कुछ दिन पहले रेलवे स्टेशन क्षेत्र में हुई थी। ऑनलाइन ऑटो चालकों ने आरोप लगाया कि उनके एक साथी को स्टेशन ऑटो ड्राइवर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने मारपीट कर घायल कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में गलत व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया, जिससे नाराज होकर ऑनलाइन चालक थाने के सामने एकजुट हुए।
वास्तविक दोषियों पर कार्रवाई की मांग
प्रदर्शन कर रहे चालकों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने असली आरोपियों को छोड़कर निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उन्होंने न्याय की मांग करते हुए कहा कि जब तक सही व्यक्ति को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
एक ऑनलाइन चालक ने कहा कि हम जनता को असुविधा नहीं देना चाहते, लेकिन हमारे साथी के साथ अन्याय हुआ है। पुलिस ने कहा है कि यदि हम आपस में मामला नहीं सुलझाएंगे, तो दोनों पक्षों को गिरफ्तार किया जाएगा। एक पीड़ित को सजा क्यों मिले? जब तक हमारे साथी को रिहा नहीं किया जाता और सरकार स्थायी समाधान नहीं देती, हम आंदोलन जारी रखेंगे।
जाम में फंसे यात्री
प्रदर्शन के कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। राहगीरों और कार्यालय जाने वालों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। पुलिस कर्मियों ने ट्रैफिक संभालने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों की संख्या अधिक होने के कारण स्थिति नियंत्रण में नहीं आ सकी। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने तत्काल कोई ठोस कदम नहीं उठाया, न ही जाम हटाने या प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने की कोशिश की।
ऑनलाइन–ऑफलाइन चालकों के बीच बढ़ रहा विवाद
यह घटना ऑनलाइन और ऑफलाइन ऑटो चालकों के बीच चल रहे तनाव का ताजा उदाहरण है। रेलवे स्टेशन क्षेत्र में अक्सर दोनों पक्षों के बीच यात्रियों को लेकर टकराव होता रहता है। ऑनलाइन चालकों का आरोप है कि ऑफलाइन चालक उन्हें स्टेशन से सवारियां उठाने नहीं देते और यात्रियों को करीब 300 मीटर दूर जाकर ऑनलाइन ऑटो में बैठने के लिए मजबूर करते हैं, जिससे जनता को भी परेशानी होती है।
सरकार से स्थायी समाधान की मांग
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि ऑनलाइन चालकों के साथ लगातार हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ उनकी आवाज है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि दोनों समूहों के बीच के विवाद को खत्म करने के लिए स्थायी नीति बनाई जाए और ऑनलाइन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। प्रदर्शन देर शाम तक जारी रहा और पुलिस ने बताया कि बातचीत के जरिए जल्द समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है।
ऑफलाइन सेवाओं के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता – उपभोक्ता
ऑनलाइन सेवा का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं ने स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति या चालक द्वारा उन्हें ऑनलाइन या ऑफलाइन सेवाओं के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से उपभोक्ता की इच्छा पर निर्भर करता है कि वह कौन सी सेवा का उपयोग करना चाहता है। डिजिटल युग में, जहां तकनीकी सेवाओं का विस्तार हो रहा है, वहां कुछ चालक इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं, यह उनका व्यक्तिगत विकल्प है, लेकिन इस विकल्प के नाम पर उपभोक्ताओं की स्वतंत्रता पर कोई रोक नहीं हो सकती।
ऑनलाइन सेवाएं रोकने पर सख्त कार्रवाई की मांग
उपभोक्ताओं ने यह भी बताया कि कई राज्यों में रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों पर ऑनलाइन टैक्सियों को आने-जाने की अनुमति है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देना और उनका सुचारू संचालन सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। ऐसे में ऑनलाइन सेवाओं पर असर डालने वाले चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक है। भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं में डिजिटल सेवाओं का प्रोत्साहन शामिल है और इसका लाभ जनता तक बिना किसी बाधा के पहुंचना चाहिए।