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लालगढ़ का हो रहा पतन, पीएलजीए के डिप्टी कमांडर ने भी हथियार डाला
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सरकार के ‘माओवादी मुक्त भारत 2026’ अभियान को मिली बड़ी सफलता
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70 लाख रुपये का इनाम, 7 महिला माओवादी भी शामिल
भुवनेश्वर/नारायणपुर। छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा के पास नारायणपुर में गुरुवार को कम से कम 16 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के एक डिप्टी कमांडर, नॉर्थ ब्यूरो टेक्निकल टीम का सदस्य और कई महत्वपूर्ण संगठनात्मक कैडर शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले इन 16 माओवादियों पर कुल 70 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें सात महिला माओवादी भी शामिल हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि संगठन के अंदर अब असंतोष और मोहभंग तेजी से फैल रहा है।
पूर्वी भारत में कमजोर पड़ रहा माओवादी नेटवर्क
ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के पारंपरिक माओवादी गढ़ों में लगातार दरारें पड़ रही हैं। कभी ‘रेड कॉरिडोर’ कहे जाने वाले इन क्षेत्रों में अब संगठन की पकड़ कमजोर होती जा रही है। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और विकास कार्यों के प्रभाव से माओवादी संगठन का प्रभाव तेजी से घट रहा है।
2026 तक माओवादी मुक्त भारत की दिशा में कदम
यह आत्मसमर्पण केंद्र सरकार के ‘माओवादी मुक्त भारत 2026’ के लक्ष्य की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अब यह लक्ष्य पहले से अधिक निकट है। माओवादी गढ़ों का पतन न केवल कानून-व्यवस्था की जीत है बल्कि शांति और स्थिरता की नई उम्मीद भी लेकर आया है, खासकर उन इलाकों के लिए जो वर्षों से नक्सली हिंसा से पीड़ित रहे हैं।