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कहा- मैंने पार्टी से दे दिया था इस्तीफा, निलंबन का सवाल ही नहीं
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजनीति में बीते शुक्रवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया। बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रफुल्ल कुमार मल्लिक ने दावा किया कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, उसके बाद पार्टी ने उन्हें निलंबित किया। बीजद ने अपने आदेश में कहा कि मल्लिक को “दल-विरोधी गतिविधियों” के चलते तत्काल प्रभाव से बाहर किया जा रहा है। लेकिन मल्लिक ने इसे निरर्थक बताते हुए कहा कि जब उन्होंने इस्तीफा पहले ही दे दिया, तो निलंबन का सवाल ही नहीं उठता।
मल्लिक, जो कि ढेंकानाल जिले की कामाख्यानगर सीट से विधायक रह चुके हैं और लंबे समय तक नवीन पटनायक मंत्रिमंडल में मंत्री भी रहे, ने कहा कि वे पार्टी की नीतियों और संगठनात्मक ढांचे से असंतुष्ट थे। उन्होंने शुक्रवार सुबह इस्तीफा देने की बात कही और यह भी बताया कि इसकी जानकारी उन्होंने बीजद नेताओं को दे दी थी।
व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया
उन्होंने कहा कि मैंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया। मैंने देवी मिश्र और अन्य नेताओं को इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद मैंने देखा कि मुझे निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया। मुझे नहीं मालूम कि इसकी वजह क्या है, पार्टी ही बेहतर तरीके से इसे बता सकती है।
बीजद का पलटवार और निलंबन आदेश
दूसरी ओर, बीजद ने एक औपचारिक आदेश जारी करते हुए कहा कि मल्लिक को “दल-विरोधी गतिविधियों” में संलिप्तता के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा रहा है। आदेश में साफ लिखा गया है कि प्रफुल्ल कुमार मल्लिक, पूर्व विधायक कामाख्यानगर, जिला ढेंकानाल, को बीजू जनता दल से दल-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निलंबित किया जाता है।
बीजद उपाध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्र ने कहा कि मल्लिक ने सुबह 9 से 10 बजे के बीच फोन पर अपनी स्थिति बताई थी और लगभग उसी समय पार्टी की ओर से निलंबन की कार्रवाई भी की गई।
संगठन पर उठाए सवाल
मल्लिक ने बीते दिनों सार्वजनिक मंचों से पार्टी के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि बीजद राज्य में प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका निभाने में नाकाम रही है और अब अपनी वैचारिक धारा से भटक चुकी है।
उन्होंने संगठन को मजबूत करने के लिए कई सुझाव दिए थे, जिनमें पीएसी और अनुशासन समिति का गठन भी शामिल था। कुछ सुझावों को माना गया लेकिन अधिकांश को दरकिनार कर दिया गया। मल्लिक का कहना है कि यही वजह रही कि उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली और अंततः इस्तीफा दे दिया।
दल-विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं – मल्लिक
मल्लिक ने साफ कहा कि वे किसी दल-विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी कार्यक्रमों से दूरी बना ली थी क्योंकि मुझे लग रहा था कि बीजद ठीक से काम नहीं कर रही है। अब मैं राजनीति से परे रहकर सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहूंगा। भविष्य में किसी वैकल्पिक निर्णय का समय आने पर विचार करूंगा।
राजनीतिक हलचल तेज
बीजद के इस घटनाक्रम से ओडिशा की राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है। जहां मल्लिक जैसे वरिष्ठ नेता का इस्तीफा और निलंबन विपक्ष को और अधिक हमलावर बना सकता है, वहीं पार्टी के भीतर असंतोष की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। मल्लिक का इस्तीफा बीजद के लिए उस समय बड़ा झटका है जब पार्टी को विपक्षी भूमिका को और सशक्त करने की ज़रूरत है। इससे पहले दो नेता पार्टी छोड़ चुके हैं।