-
ओडिशा में भारी बारिश की आशंका
-
ला नीना से बढ़ा चक्रवात का खतरा
भुवनेश्वर। मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि प्रशांत महासागर में सक्रिय ला नीना की स्थिति के कारण भारतीय महासागर में चक्रवात बनने की संभावना बढ़ गई है। इसी बीच, बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र विकसित हुआ है, जिससे आने वाले दिनों में ओडिशा के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ला नीना की वजह से प्रशांत महासागर का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, जिससे गर्म और नमी से भरी हवाएं भारतीय महासागर की ओर बढ़ती हैं। इस परिस्थिति में उष्णकटिबंधीय चक्रवात बनने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
आमतौर पर ऐसे हालात सितंबर से अक्टूबर के बीच देखे जाते हैं और इसका असर सीधे तौर पर बंगाल की खाड़ी और उत्तरी हिंद महासागर पर पड़ता है। यदि चक्रवात बनता है तो उसका रुख प्रायः भारत के पूर्वी तट यानी ओडिशा, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की ओर रहता है।
48 घंटों में दक्षिण ओडिशा, उत्तर आंध्रप्रदेश और दक्षिण छत्तीसगढ़ तक पहुंचने की संभावना
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि शुक्रवार सुबह पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में, उत्तर आंध्रप्रदेश और दक्षिण ओडिशा तट के पास, ऊपरी वायु चक्रवातीय परिसंचरण के प्रभाव से एक निम्न दबाव क्षेत्र बना है।
आईएमडी बुलेटिन के अनुसार, यह परिसंचरण समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक फैला हुआ है और ऊपरी स्तर पर जाते-जाते दक्षिण की ओर झुक रहा है। अगले 48 घंटों में इसके पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए दक्षिण ओडिशा, उत्तर आंध्रप्रदेश और दक्षिण छत्तीसगढ़ तक पहुंचने की संभावना है।
ओडिशा में भारी बारिश का अलर्ट
इस सिस्टम के प्रभाव से ओडिशा के दक्षिणी और आंतरिक जिलों में भारी वर्षा की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने राज्य सरकार को सतर्क रहने और निचले इलाकों में संभावित जलजमाव से निपटने की तैयारी करने की सलाह दी है।
भारत पर ला नीना का व्यापक असर
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ला नीना की वजह से इस साल भारत में मानसून ज्यादा तीव्र रहेगा और देश के उत्तरी व पश्चिमी हिस्सों में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। साथ ही, बंगाल की खाड़ी में एक से अधिक चक्रवात बनने की संभावना भी बनी हुई है, जिनका असर सीधे भारत के पूर्वी तटीय राज्यों पर पड़ेगा।