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पार्टी की वरिष्ठ नेत्री श्रेमयी मिश्रा ने ‘धृतराष्ट्र’ का हवाला देकर “अयोग्य राजा” पर अप्रत्यक्ष तंज कसा
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तथागत सतपथी ने लगाया रोजगार प्रस्ताव नजरअंदाज करने का आरोप
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजनीति में बीजद सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर अंदर और बाहर से एक साथ सवाल उठने लगे हैं। एक ओर पार्टी की वरिष्ठ नेत्री श्रेमयी मिश्रा ने सोशल मीडिया पर महाभारत के पात्र ‘धृतराष्ट्र’ का हवाला देकर “अयोग्य राजा” पर अप्रत्यक्ष तंज कसा, तो दूसरी ओर पूर्व बीजद सांसद तथागत सतपथी ने आरोप लगाया कि पटनायक ने केंदुझर जिले में युवाओं को खनन से रोजगार देने के उनके प्रस्ताव को बार-बार खारिज कर दिया।
श्रेमयी मिश्रा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि कुछ लोग धृतराष्ट्र की तरह अंधे होकर गलतियों को रोक नहीं पाते। इतिहास ऐसे अयोग्य राजाओं को कभी माफ नहीं करता, क्योंकि उनकी चुप्पी ही त्रासदी को जन्म देती है।
तीखे शब्दों में कसा तंज
उन्होंने आगे तीखे शब्दों में लिखा कि जब महिलाओें का अपमान करने वाला महिला सशक्तिकरण की बातें करता है, तो लोग हंसते हैं। जब अन्याय की सीढ़ियां चढ़ने वाला खुद को न्याय का प्रतीक बताता है, तो लोग हंसते हैं। जब कोई स्वयं निर्णय नहीं ले सकता और राष्ट्र निर्माण की बातें करता है, तो लोग हंसते हैं।
मिश्रा ने किसी का नाम नहीं लिया
हालांकि मिश्रा ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यह हमला सीधे-सीधे नवीन पटनायक की ओर था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजू महिला जनता दल की अध्यक्ष स्नेहांगिनी छुरिया ने कहा कि श्रेमयी मिश्रा हमारे साथ हैं। नवीन पटनायक ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी हैं। सोशल मीडिया पर दिए गए व्यक्तिगत विचारों का पार्टी से कोई संबंध नहीं होता।
अनूठा प्रस्ताव तीन बार खारिज
इधर, रविवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पूर्व सांसद तथागत सतपथी ने कहा कि उन्होंने केंदुझर जिले में खनन संचालन को स्थानीय युवाओं से जोड़ने के लिए एक अनूठा प्रस्ताव तीन बार नवीन पटनायक के सामने रखा, लेकिन हर बार उसे नकार दिया गया।
सतपथी के मुताबिक, इस मॉडल में प्रत्येक ब्लॉक में 26 छात्रों (13 लड़के और 13 लड़कियां) की गैर-लाभकारी संस्था बनाई जानी थी, जो खदानों का प्रबंधन करती। राजस्व का आधा हिस्सा राज्य को और आधा छात्रों में बराबर बांटा जाता।
उन्होंने आरोप लगाया कि मैंने यह प्रस्ताव तीन बार नवीन पटनायक को दिया। उन्होंने पहले प्यारीमोहान महापात्रा से बात करने को कहा और बाद में इसे पूरी तरह ठुकरा दिया। जब साफ हो गया कि उन्हें दिलचस्पी नहीं है, तब मैंने पीछे हटना ही बेहतर समझा।
प्रस्ताव खनन क्षेत्र में पारदर्शिता भी लाता
सतपथी का कहना है कि यह कदम खनन क्षेत्र में पारदर्शिता लाता और युवाओं के लिए स्थायी रोजगार का जरिया बनता, लेकिन नवीन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
बीजद विधायक ने किया बचाव
इस आरोप पर बीजद विधायक अभिमन्यु सेठी ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव आधिकारिक रूप से कभी सामने नहीं आया। अगर इस तरह की कोई चर्चा हुई होती, तो उसका स्पष्ट रिकॉर्ड होता। सतपथी के आरोप राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित हैं।
पटनायक पर बढ़ते सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाक्रम बीजद की आंतरिक असहमति और नेतृत्व पर गहराते सवालों की झलक है। एक ओर पार्टी के भीतर से मिश्रा जैसी नेता नवीन की “चुप्पी और नेतृत्व शैली” पर निशाना साध रही हैं, तो दूसरी ओर पूर्व नेता सत्पथी सार्वजनिक मंचों पर यह कह रहे हैं कि पटनायक ने युवाओं और पारदर्शी प्रशासन के लिए आए सुझावों को नज़रअंदाज़ किया। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 2024 की हार के बाद से बीजद नेतृत्व की प्रासंगिकता पर लगातार प्रश्न उठ रहे हैं और इस तरह के बयानों से पार्टी की अंदरूनी दरारें और साफ झलक रही हैं।