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ट्रिब्यूनल ने दोनों राज्यों से 11 अक्टूबर तक प्रगति रिपोर्ट मांगी
भुवनेश्वर। लंबे समय से जारी महानदी जल विवाद को सुलझाने की दिशा में अब सकारात्मक पहल दिखाई दे रही है। शनिवार को हुई ट्रिब्यूनल की सुनवाई में ओडिशा और छत्तीसगढ़ सरकारों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
ओडिशा सरकार की ओर से मामले में एडवोकेट जनरल पितांबर आचार्य पेश हुए। राज्य सरकार ने ट्रिब्यूनल को सूचित किया कि दोनों राज्यों के बीच आपसी समझौते के लिए बातचीत जारी है। शुक्रवार को दोनों राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के बीच विस्तृत चर्चा भी हुई थी, जिसके बाद यह वार्ता केंद्र सरकार की मध्यस्थता में आगे बढ़ रही है।
पिछली सरकार पर ठहराया ठहराव का आरोप
सूत्रों के अनुसार, पिछले सात वर्षों में पूर्ववर्ती सरकार ने विवाद के समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया था। लेकिन नई सरकार के आने के बाद इस मुद्दे पर तेजी से पहल हो रही है।
सीडब्ल्यूसी से मंजूरी पर रोक का संकेत
एडवोकेट जनरल पितांबर आचार्य ने कहा कि जब तक जल विवाद का समाधान नहीं होता, तब तक किसी भी परियोजना को केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) से मंजूरी नहीं मिलेगी।
11 अक्टूबर तक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश
ट्रिब्यूनल ने दोनों पक्षों से कहा है कि वे 11 अक्टूबर तक वार्ता की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। आचार्य ने कहा कि बातचीत जिस तरह से आगे बढ़ रही है, हमें उम्मीद है कि जल्द ही इसका समाधान निकलेगा।