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परंपरा विरुद्ध रथयात्रा निकालने पर भड़के
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एक माह में सुधार नहीं तो कानूनी कार्रवाई होगी : दिव्यसिंह देव
पुरी। पुरी के गजपति महाराज दिव्यसिंह देव ने शनिवार को इस्कॉन को सख्त संदेश देते हुए स्पष्ट किया कि परंपरा और शास्त्रों के विपरीत रथयात्रा और स्नान यात्रा का आयोजन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गजपति महाराज ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से इस्कॉन गलत ढंग से इन उत्सवों का आयोजन कर रहा है। इस संदर्भ में मायापुर स्थित इस्कॉन प्राधिकरण को औपचारिक पत्र भेजकर तुरंत सुधार करने का निर्देश दिया गया है। चेतावनी दी गई है कि यदि एक माह के भीतर उचित कदम नहीं उठाए गए तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
परंपरा के अनुसार ही होना चाहिए उत्सव
गजपति महाराज ने कहा कि प्रभुपाद के समय तक रथयात्रा परंपरा और शास्त्रों के अनुसार होती थी, लेकिन 1977 के बाद से विश्व भर में इसे गलत तिथियों पर मनाया जाने लगा। मार्च से सितंबर तक 68 स्थानों पर आयोजित रथयात्राएं शास्त्र में निर्दिष्ट तिथि पर नहीं हुईं। कृष्ण जन्माष्टमी की तरह रथयात्रा और स्नान यात्रा भी परंपरा और शास्त्रों के अनुसार ही होनी चाहिए।
विद्वानों का अंतिम निर्णय और अंतिम चेतावनी
उन्होंने आगे कहा कि विद्वानों ने इस विषय पर निर्णय ले लिया है और यह लिखित रूप से इस्कॉन को भेजा गया है। यदि संगठन ने एक माह के भीतर सही निर्णय नहीं लिया तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसजेटीए ने दी जानकारी
श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने बताया कि गजपति महाराज की ओर से इस्कॉन की तर्कशक्ति को परंपरा और शास्त्रों के खिलाफ बताते हुए ईमेल और कुरियर के जरिए मायापुर स्थित शासी निकाय को सूचित किया गया है। गजपति महाराज ने अंत में कहा कि श्रीमंदिर धार्मिक स्थल है और इस्कॉन भी धार्मिक संगठन है। यदि इसे परंपरा और शास्त्रों के आधार पर सौहार्दपूर्वक हल किया जाए तो बेहतर होगा। लेकिन परंपरा विरुद्ध आयोजन किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं होगा।