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बारिपदा जेल में रची गई साजिश
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पुलिस जांच में हुआ खुलासा
मयूरभंज। ओडिशा के मयूरभंज जिले में गैंगरेप का सनसनीखेज मामला पूरी तरह झूठा साबित हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया कि यह साजिश कथित पीड़िता और उसकी मां के दूर के रिश्तेदारों ने रची थी। इस साजिश का मास्टरमाइंड बारिपदा जेल में बंद दो आरोपी थे, जिन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मामलों में शिकायतकर्ताओं को फंसाने के लिए यह षड्यंत्र रचा।
सूत्रों के अनुसार, काप्टिपाड़ा क्षेत्र का नाना साय और शरता क्षेत्र का श्याम सुंदर राणा, जो अलग-अलग मामलों में फिलहाल बारिपदा जेल में बंद हैं, ने यह साजिश रची। श्याम सुंदर की बहन, जो कथित पीड़िता की दूर की रिश्तेदार है, ने शिकायतकर्ताओं की जानकारी जुटाई और अपनी बेटी के साथ मिलकर गैंगरेप की झूठी कहानी गढ़ी।
फर्जी कहानी से शुरू हुई जांच
कुछ दिन पहले मां-बेटी बांगिरीपोशी थाने पहुंचीं और शिकायत दर्ज कराई कि पांच युवक नौकरी का लालच देकर लड़की को 80 किलोमीटर दूर ले गए और ओमनी गाड़ी से उठाकर सुनसान जगह पर सामूहिक दुष्कर्म किया। इस शिकायत के आधार पर उदला पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया और जांच शुरू की। जांच के दौरान सच्चाई सामने आई कि पूरा मामला मनगढ़ंत था।
न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने स्वीकारी शिकायत झूठी
उदला एसडीपीओ हृषिकेश नायक ने बताया कि कथित पीड़िता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने स्वीकार किया कि गैंगरेप की शिकायत झूठी थी। मेडिकल जांच में भी दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई। पुलिस ने कहा कि यह शिकायत उन आरोपियों को फंसाने के लिए की गई थी, जिनकी शिकायतों के कारण पहले उनके परिजन जेल गए थे।
आरोपित युवकों के खिलाफ कोई सबूत नहीं
पुलिस ने स्पष्ट किया कि आरोपित युवकों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है और अब कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मामले में शामिल मां-बेटी ने इस पूरे घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की है।