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ओडिशा स्टेट बार काउंसिल का निर्देश
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आदेश का पालन नहीं करने पर होंगे प्रोफेशनल मिसकंडक्ट के दोषी
कटक। ओडिशा स्टेट बार काउंसिल ने बड़ा कदम उठाते हुए सभी अधिवक्ताओं को निर्देश दिया है कि यदि वे वकालत के साथ-साथ किसी अन्य पेशे, व्यवसायिक गतिविधि या लाभ वाले पद पर कार्यरत हैं, तो उन्हें अपना लाइसेंस 1 अगस्त 2025 से शुरू होने वाले एक माह के भीतर सरेंडर करना होगा।
काउंसिल के प्रस्ताव के अनुसार, जो अधिवक्ता इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उन्हें व्यावसायिक कदाचार (प्रोफेशनल मिसकंडक्ट) का दोषी माना जाएगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि अधिवक्ता पेशा पूर्णकालिक समर्पण की मांग करता है और साथ-साथ किसी अन्य व्यवसाय या पेशे में संलग्न होना इसकी गरिमा और स्वतंत्रता को प्रभावित करता है।
बार काउंसिल ने इस निर्देश को अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए व्यापक रूप से प्रकाशित करने का आग्रह किया है ताकि सभी अधिवक्ताओं को इसकी जानकारी मिल सके।
यह आदेश खासतौर पर उन वकीलों को प्रभावित करेगा जो सरकारी पदों, कॉर्पोरेट संस्थानों या अन्य व्यवसायों में भी सक्रिय हैं। अब उन्हें वकालत और अन्य पेशे में से किसी एक को चुनना होगा।
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