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भद्रक और जाजपुर भी अलर्ट पर
बालेश्वर। भारी बारिश के कारण बालेश्वर के लगभग 100 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जिले के निचले इलाकों में पानी भरने लगा है और कई गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। झारखंड के गालूधी बैराज से भारी जलप्रवाह और ऊपरी क्षेत्रों में लगातार बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। राज्य सरकार ने आगामी 24 घंटे के लिए तटीय जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है। शुक्रवार को गालूधी बैराज के 16 गेट खोलकर 8,218.76 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे नदी में तेज़ बढ़ोतरी देखी गई। इसी बीच जलका नदी ने पहले ही 6.50 मीटर के खतरे के स्तर को पार करते हुए 7.20 मीटर की ऊंचाई छू ली है। बालेश्वर के बस्ता ब्लॉक की आठ और सदर ब्लॉक की दो पंचायतों में पानी घुस गया है, जिससे 320 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
बालेश्वर में पुराने बाढ़ के डर फिर हुए ताजा
सुवर्णरेखा का उफनता पानी बालेश्वर के लोगों को पूर्व की भयावह बाढ़ की याद दिला रहा है। यदि जलस्तर पूर्वानुमान के अनुसार बढ़ता है, तो भोगराई, बालीपाल और जलेश्वर ब्लॉकों के 100 से अधिक गांवों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है। बालेश्वर के जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता नवकुमार महालिक ने बताया कि हम पूरी तरह अलर्ट पर हैं। वरिष्ठ अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। पर्याप्त संख्या में बालू की बोरियां स्टॉक में हैं, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर तटबंधों पर लगाया जाएगा। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग हालात पर नजर बनाए हुए हैं और संभावित प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव की तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
भद्रक और जाजपुर जिलों पर भी मंडरा रहा है खतरा
राज्य जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता चंद्रशेखर पाढ़ी ने बताया कि बालेश्वर के अलावा, भद्रक और जाजपुर जिलों के धामनगर, चांदबली और दशरथपुर क्षेत्र भी अगले 24 घंटे में प्रभावित हो सकते हैं।
हीराकुद बांध में भी भारी जलप्रवाह
पश्चिम ओडिशा के हीराकुद बांध में छत्तीसगढ़ से भारी जलप्रवाह आ रहा है, लेकिन जलस्तर 610.31 फीट पर बना हुआ है, जो कि पूरे जलाशय क्षमता 630 फीट से काफी नीचे है। यहां से 3.36 लाख क्यूसेक पानी 20 गेट खोलकर छोड़ा जा रहा है, जबकि प्रवाह 4.61 लाख क्यूसेक है।
भद्रक जिले में गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
भद्रक जिले में वैतरणी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच जाने के कारण बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। लगातार हो रही बारिश और ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों से आए भारी जलप्रवाह ने नदी को उफान पर ला दिया है, जिससे निचले इलाकों के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। अखुआपड़ा एनीकट के पास वैतरणी नदी का जलस्तर चेतावनी को पार कर चुका है, जिससे आसपास के गांवों में दहशत फैल गई है। भंडारिपोखरी ब्लॉक के रहानिया, मालदा और नपंग जैसे गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और खेती की फसलें बर्बाद हो रही हैं। वहीं धामनगर ब्लॉक के शेंधापुर और गौरंगपुर इलाकों में भी भारी जलभराव देखा जा रहा है।
घर, सड़कें और खेत पूरी तरह पानी में डूबे
कई घर, सड़कें और खेत पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने नाव सेवाएं शुरू की हैं, ताकि फंसे हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके। स्थिति को गंभीर देखते हुए प्रशासन ने दोनों ब्लॉकों के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किए हैं। प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी आश्रयगृह और स्कूलों में राहत केंद्र बनाए गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
गेंगुटी नदी पर बना पुल टूटा
बाढ़ के बीच सबसे बड़ी चिंता तब सामने आई जब शोलमपुर पंचायत के टिकलिया के पास गेंगुटी नदी पर बना एक पुल तेज बहाव में टूट गया। इससे यह क्षेत्र बाकी इलाके से पूरी तरह कट गया है। संचार और आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
राहत और बचाव कार्य तेज
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। एनडीआरएफ और स्थानीय टीमें सक्रिय रूप से जुटी हुई हैं। जिला प्रशासन स्थिति पर कड़ी निगरानी बनाए हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का दावा कर रहा है।
समुद्र में भी परिस्थितियां खराब
इसी बीच समुद्र में भी परिस्थितियां खराब बनी हुई हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि समुद्र में ऊंची लहरों और तेज हवाओं के कारण स्थिति बेहद अस्थिर है। मछुआरों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे गहरे समुद्र में न जाएं। तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों से भी सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
राज्यभर में राहत और बचाव दल अलर्ट पर
रविवार को भारी बारिश के बीच राज्यभर में राहत और बचाव दलों को सतर्क कर दिया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।