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120 एकड़ में फैले 550 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर चला कानून का बुल्डोजर
भुवनेश्वर। भुवनेश्वर के हरिडमड़ा इलाके में बिना किसी वैध अनुमोदन के प्लॉटिंग प्रोजेक्ट चलाने के मामले में ओडिशा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (ओरेरा) ने एक रीयल एस्टेट कंपनी पर 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। ओरेरा ने स्पष्ट किया कि यह प्रोजेक्ट न तो भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) से स्वीकृत था और न ही ओरेरा में पंजीकृत था, जो कि रीयल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट) अधिनियम, 2016 की धारा 3 और 17 का सीधा उल्लंघन है।
यह प्रोजेक्ट करीब 120 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें 2,500 प्लॉट शामिल हैं। इसकी कुल अनुमानित कीमत 550 करोड़ रुपये बताई गई है। नवंबर 2024 से इस अवैध योजना की बिक्री शुरू कर दी गई थी और सोशल मीडिया के माध्यम से ग्राहकों को आकर्षित किया गया था। ओरेरा की तकनीकी टीम द्वारा स्थल निरीक्षण किए जाने के बाद सामने आया कि प्रोजेक्ट के 30 प्रतिशत से अधिक प्लॉट पहले ही बेच दिए गए थे, वह भी बिना किसी अनुमोदित लेआउट प्लान और वैध दस्तावेजों के।
ओरेरा ने अपने आदेश में प्रमोटर को दो महीने के भीतर दो करोड़ रुपये का जुर्माना जमा करने और उसी अवधि के भीतर प्रोजेक्ट को रेरा अधिनियम के तहत पंजीकृत कराने का निर्देश दिया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि समयसीमा के भीतर पालन नहीं किया गया, तो कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
रीयल एस्टेट मामलों के विशेषज्ञ विमलेन्दु प्रधान ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मीडिया से कहा कि यह मामला सिस्टम की बड़ी चूक को उजागर करता है। 200 से अधिक रजिस्ट्रेशन बिना लेआउट स्वीकृति और ओरेरा पंजीकरण के कर दिए गए। निवेशकों को ऐसी योजनाओं में पैसे लगाने से पहले दस्तावेजों और कानूनी प्रक्रिया की पूरी जांच करनी चाहिए। यह मामला न सिर्फ एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई है, बल्कि आम खरीदारों के लिए भी चेतावनी है कि वे ऐसे प्रोजेक्ट में निवेश से पहले पूरी पड़ताल करें।