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पुनः परीक्षा पर अभी तक चुप्पी
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पेपर लीक की आशंका के बाद प्रशासनिक फेरबदल
भुवनेश्वर। ओडिशा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (बीएसई) ने विशेष ओडिशा शिक्षक पात्रता परीक्षा (ओटीईटी)-2025 को अचानक रद्द किए जाने के बाद आंतरिक परिपत्र जारी कर छह अधिकारियों का तबादला कर दिया। यह परीक्षा 20 जुलाई को राज्यभर में आयोजित होने वाली थी, लेकिन परीक्षा से एक रात पहले ही इसे रद्द कर दिया गया, जिससे 75,000 से अधिक शिक्षक उम्मीदवारों में भारी आक्रोश फैल गया।
बीएसई की ओर से कहा गया कि यह तबादले परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े शाखाओं को मज़बूत करने के उद्देश्य से किए गए हैं। हालांकि सभी तबादले बीएसई कार्यालय के अंदर ही किए गए हैं, जिससे यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या इस कदम से वास्तव में परीक्षा सुरक्षा की समस्या का समाधान होगा।
किन अधिकारियों का हुआ तबादला
गोपनीय शाखा-1 में कार्यरत अरविंद आचार्य को आरटीआई सेल में स्थानांतरित किया गया है, जबकि दिलीप कुमार सिंह को आरटीआई सेल से वापस गोपनीय शाखा-1 में भेजा गया है। सुदीप राउल को सीक्रेट सेक्शन में तैनात किया गया है, जबकि प्रभात कुमार भोई को गोपनीय शाखा-2 में स्थानांतरित किया गया है।
सहायक सचिव विक्रम केशरी पटनायक, जो पहले समन्वय और प्रमाणपत्र-2 शाखा देख रहे थे, अब उन्हें गोपनीय शाखा-1 की जिम्मेदारी दी गई है। वित्त शाखा में कार्यरत लिपिका सिंह को प्रमाणपत्र-2 का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं वरिष्ठ सहायक अशोक कुमार सामल को समन्वय शाखा में भेजा गया है।
वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर कोई जवाबदेही नहीं
गौर करने वाली बात यह है कि ओटीईटी परीक्षा के संचालन से जुड़े किसी भी वरिष्ठ अधिकारी को इस प्रशासनिक बदलाव में जवाबदेह नहीं ठहराया गया है। न तो बीएसई ने अब तक कोई जांच समिति गठित करने की घोषणा की है, और ना ही यह स्पष्ट किया है कि पेपर लीक की घटना कैसे हुई। न ही किसी अधिकारी को निलंबित किया गया है।
अचानक रद्द की गई परीक्षा, अभ्यर्थियों में आक्रोश
ओटीईटी परीक्षा 20 जुलाई को आयोजित की जानी थी, लेकिन 19 जुलाई की रात में अचानक इसे रद्द करने का आदेश जारी कर दिया गया। राज्यभर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर सुबह चिपकाए गए नोटिस से छात्रों को पता चला कि परीक्षा रद्द हो गई है। अधिकांश उम्मीदवार पहले ही अपने परीक्षा केंद्रों पर पहुंच चुके थे, कई ने रहने की व्यवस्था कर ली थी। अचानक लिए गए इस फैसले से उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ी।
यह परीक्षा विशेष रूप से इन-सर्विस प्राइमरी शिक्षकों के लिए थी और इसमें कुल 75,403 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। परीक्षा के पेपर–I और पेपर–II की कथित तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं, जिनमें व्हाट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे मंच शामिल हैं। उम्मीदवारों ने इनमें पहले की परीक्षाओं से समानता होने की ओर इशारा किया।
पुनः परीक्षा पर अभी तक कोई घोषणा नहीं
बीएसई ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि परीक्षा को दोबारा कब आयोजित किया जाएगा। न ही इस बात की पुष्टि की गई है कि जो प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए थे वे असली थे या नहीं। पेपर लीक की पुष्टि की स्थिति में यह भी स्पष्ट नहीं है कि जानकारी कैसे लीक हुई।
फिलहाल, ओटीईटी अभ्यर्थी असमंजस में हैं और उन्हें बीएसई की अगली घोषणा का इंतज़ार है। बोर्ड की चुप्पी से उम्मीदवारों के बीच नाराजगी और अविश्वास की भावना और गहरी होती जा रही है।