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यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने, सम्मान एवं समानता की संस्कृति को बढ़ावा देने का आह्वान
भुवनेश्वर। राज्य सरकार सभी कर्मचारियों के लिए सुरक्षित और गरिमामय कार्यस्थल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने आज कहीं। वे लोक सेवा भवन कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक ओरिएंटेशन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं। यह कार्यक्रम कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013. की जानकारी और जागरूकता के लिए आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में 600 से अधिक कर्मचारियों को संबोधित करते हुए परिडा ने सभी से आग्रह किया कि वे कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाएं और सम्मान एवं समानता की संस्कृति को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि महिला और पुरुष दोनों ही यौन उत्पीड़न के शिकार हो सकते हैं। इसलिए इस अधिनियम के प्रावधानों के बारे में सभी को जानकारी होनी चाहिए और सतर्क रहना आवश्यक है।
महिलाएं और पुरुष समाज के दो पहिए
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महिलाएं और पुरुष समाज के दो पहिए हैं और एक प्रगतिशील और सुरक्षित समाज के निर्माण के लिए दोनों के बीच सामंजस्य और पारस्परिक सम्मान अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी संस्थानों और कॉलेजों में आंतरिक समितियों के गठन के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, ताकि इस अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
दोषियों को कड़ी सजा और झूठे आरोप पर होगी कार्रवाई
परिडा ने यह स्पष्ट किया कि दोषियों को उचित जांच के बाद कड़ी सजा दी जाएगी और झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। कार्यक्रम में प्रख्यात अधिवक्ता मानसी पाढ़ी ने इस अधिनियम पर दो विशेष सत्रों में विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने अधिनियम के प्रावधानों, अधिकारों, जिम्मेदारियों और शिकायत निवारण की प्रक्रिया के बारे में प्रतिभागियों को जागरूक किया।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक श्रीमती मोनीषा बनर्जी सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।