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सभी विभागों से मांगी गई कार्रवाई रिपोर्ट
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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद उठाए गए कदम
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य में रीयल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 यानी रेरा के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर कमर कस ली है। इस दिशा में आवास एवं शहरी विकास विभाग (एचएंडयूडी) ने विभिन्न विभागों और एजेंसियों को सौंपे गए कार्यों पर कार्रवाई रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय 17 जून को मुख्य सचिव मनोज आहूजा की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद लिया गया।
इस निर्देश के तहत राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, टाउन प्लानिंग डिवीजन और ओडिशा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (ओरेरा) सहित कई प्रमुख इकाइयों को अपने-अपने कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करने और प्रगति रिपोर्ट एचएंडयूडी विभाग को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य सचिव की ओर से जल्द ही इस पर अगली समीक्षा बैठक भी की जाएगी।
डिजिटल समन्वय और निगरानी प्रणाली की ओर कदम
रेरा को प्रभावी बनाने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक टाउन प्लानिंग डिवीजन को सौंपा गया है। इसे 60 दिनों के भीतर ऐसा डिजिटल टूल तैयार करना है, जिससे रेरा को रियल टाइम में प्रोजेक्ट अप्रूवल की जानकारी मिल सके। इसका उद्देश्य समन्वय को बेहतर बनाना और सूचनाओं के अलग-अलग स्रोतों के कारण होने वाली देरी को समाप्त करना है।
इसी प्रकार, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग को एक तकनीकी समिति गठित कर ओरेरा 2.0 प्लेटफॉर्म को राज्य की भूमि अभिलेख प्रणाली ‘भुलेख पोर्टल’ के साथ एकीकृत करने की योजना तैयार करने को कहा गया है। साथ ही, ओरेरा को ‘सुजोग पोर्टल’ की भी पहुंच दिलाई जाएगी ताकि स्वीकृत रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की पुष्टि और निगरानी की जा सके।
वसूली को सख्त करने की तैयारी, नगर निकायों को आदेश
एचएंडयूडी विभाग को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह सभी नगरीय निकायों को आदेश जारी करे कि वे ओरेरा के साथ मिलकर ओपीडीआर अधिनियम, 1962 के तहत वसूली को सख्ती से लागू करें। इसके लिए एन्फोर्समेंट स्क्वॉड तैनात किए जाएंगे, जो जुर्माने की वसूली और नियामकीय आदेशों को लागू करने में सहायक होंगे।
संस्थागत सुधार और मासिक समीक्षा व्यवस्था
इससे पहले जुलाई में ही राज्य सरकार ने रेरा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की थी। इसके तहत सभी योजना एवं विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिया गया था कि वे प्रोजेक्ट स्वीकृति की जानकारी ओरेरा को रियल टाइम में दें और इसके लिए एक समर्पित डिजिटल प्रणाली विकसित की जाए।
अब एचएंडयूडी, ओरेरा और राजस्व विभाग के बीच मासिक समन्वय बैठकें सुनिश्चित की गई हैं। जिलाधिकारियों और तहसीलदारों को अवैध रीयल एस्टेट गतिविधियों की जानकारी नियमित रूप से ओरेरा को देने के निर्देश दिए गए हैं। इतना ही नहीं, जिलास्तरीय समीक्षा बैठकों में अब रेरा क्रियान्वयन को स्थायी एजेंडा बनाया गया है ताकि निगरानी निरंतर बनी रहे।
ओरेरा में रिक्त पद जल्द होंगे भरे
ओरेरा में संयुक्त सचिव (प्रशासन) और उप सचिव (प्रवर्तन) जैसे महत्वपूर्ण पद लंबे समय से खाली हैं। अब इन पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, ओरेरा को यह अधिकार दिया गया है कि वह सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों की भर्ती सार्वजनिक विज्ञापन के माध्यम से कर सके ताकि संस्था की क्षमता का शीघ्र विस्तार हो सके।