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17 जुलाई से 15 अगस्त तक होगा पंजीकरण
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यात्रा ओडिशा वेबसाइट पर ऑनलाइन और ब्लॉक व जिला प्रशासन के जरिए होगा ऑफलाइन आवेदन
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वरिष्ठ नागरिक दंपति के मामले में कम से कम एक की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होना जरूरी
भुवनेश्वर। राज्य के वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थयात्रा का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य पर्यटन विभाग वित्त वर्ष 2025–26 के लिए वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना शुरू करने जा रहा है। हिताधिकारियों को आगामी 17 जुलाई से 15 अगस्त तक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण करने का अवसर मिलेगा।
ऑनलाइन आवेदन यात्रा ओडिशा वेबसाइट पर किया जा सकता है, जबकि ऑफलाइन आवेदन संबंधित ब्लॉक या जिला प्रशासन कार्यालय में जमा किया जा सकता है। जिले में गठित जिलास्तरीय जांच समिति सभी प्राप्त आवेदनों की जांच करेगी।
पात्र हितधारकों से लाभ उठाने का आग्रह
आज भुवनेश्वर स्थित पंथ निवास ऑडिटोरियम में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने इस योजना की घोषणा करते हुए पात्र हितधारकों से योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री ने इस योजना से संबंधित सभी विवरणों को पत्रकारों के साथ साझा किया। इस अवसर पर पर्यटन विभाग के आयुक्त सह सचिव बलवंत सिंह और आईआरसीटीसी की संयुक्त महाप्रबंधक क्रांति सावरकर भी उपस्थित थीं।
यह योजना राज्य सरकार के पर्यटन विभाग और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज़्म कॉर्पोरेशन के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है। योजना की पूरी जानकारी पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
जाति या धर्म की परवाह नहीं
पात्र माने गए वरिष्ठ नागरिकों को अपने पूरे जीवनकाल में एक बार इस वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना के तहत यात्रा करने का अवसर मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत 60 से 75 वर्ष आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों का जाति या धर्म की परवाह किए बिना चयन किया जाएगा।
आर्थिक रूप से कमजोर होने का प्रमाण पत्र जरूरी
चयन के लिए हिताधिकारियों को अपने साथ अंत्योदय/अन्नपूर्णा कार्ड, विधवा पेंशन कार्ड, खाद्य सुरक्षा राशन कार्ड, मनरेगा कार्ड आदि में से कोई एक आर्थिक रूप से कमजोर होने का प्रमाण पत्र के रूप में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
70-75 वर्ष के लोगों को एक सहायक ले जाने की छूट
वरिष्ठ नागरिक दंपती के मामले में, दोनों में से किसी एक की आयु कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए। वहीं, 70 से 75 वर्ष आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिक अपनी तीर्थयात्रा के दौरान अपने साथ 18 वर्ष से अधिक आयु के एक सहायक को भी ले जा सकते हैं।
जिला को आवंटित निर्धारित कोटा के अनुसार होगा चयन
तीर्थयात्रियों के चयन के मामले में संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा जिला को आवंटित निर्धारित कोटा के अनुसार चयन किया जाता है। यदि किसी जिले में आवेदकों की संख्या अधिक हो जाती है, तो तीर्थयात्रियों का चयन लॉटरी पद्धति से किया जाता है।
इसके अतिरिक्त, अनुपस्थित तीर्थयात्रियों की जगह भरने के लिए 20 प्रतिशत तीर्थयात्रियों की प्रतीक्षा सूची (वेटिंग लिस्ट) तैयार की जाती है।
तीर्थयात्रियों को मिलेंगी सभी आवश्यक सुविधाएं
राज्य सरकार इस योजना के माध्यम से तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करती है। तीर्थयात्रियों को उनके ग्राम से संबंधित रेलवे स्टेशन तक और वापसी की परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। यात्रा के दौरान आईआरसीटीसी द्वारा तीर्थयात्रियों की आवास, आवागमन, भोजन व पेयजल की पूरी व्यवस्था की जाती है।
साथ ही आईआरसीटीसी द्वारा एक गाइड, पथप्रदर्शक, यात्री बीमा और चिकित्सकीय सुविधा भी प्रदान की जाती है। प्रत्येक चरण की तीर्थयात्रा की अवधि लगभग 5 रात और 6 दिन के भीतर सीमित रहती है।