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सौरचंद्र महापात्र बने नए सभापति
भुवनेश्वर। राजधानी भुवनेश्वर में 13 वर्षों के अंतराल के बाद उत्कल सम्मेलन की केंद्रीय समिति के लिए चुनाव बुद्ध मंदिर प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ। यह चुनाव निवर्तमान सभापति बसंत कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
बैठक की शुरुआत न्यायमूर्ति चित्त रंजन दाश और राज्य विधि आयोग के सदस्य तथा उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सौरचंद्र महापात्र की उपस्थिति में हुई। इस अवसर पर महासचिव डॉ राधानाथ प्रहराज ने उपस्थित सदस्यों का स्वागत करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
सभा को संबोधित करते हुए त्रिपाठी ने संगठन में अपने 30 वर्षों के अनुभव को साझा करते हुए स्वास्थ्य कारणों से सभापति पद से हटने की घोषणा की और चुनाव की प्रक्रिया आरंभ करने के निर्देश दिए। इससे पूर्व, चुनाव की अधिसूचना 15 दिन पहले सदस्यों को भेज दी गई थी और 10 दिन पूर्व अखबारों में भी इसका प्रकाशन किया गया था।
वर्ष 2012 में संशोधित संविधान के अनुरूप यह चुनाव आयोजित हुआ। निर्वाचन आयुक्त के रूप में क्षेत्रमोहन सामंतराय और रंजन राउत तथा निर्वाचन अधिकारी के रूप में तापस रंजन मिश्र ने चुनाव प्रक्रिया का संचालन किया।
सदस्यों ने विभिन्न पदों के लिए नामांकन पत्र विधिवत प्रस्तावक और समर्थकों के माध्यम से दायर किए। चुनाव में सौरचंद्र महापात्र को नए सभापति के रूप में चुना गया।
उप-सभापति के रुप में प्रो पूर्णचंद्र मल्लिक, डॉ काशीनाथ रथ, डॉ श्रीकांत मिश्र, डॉ सुरेन्द्रनाथ मोहंती, प्रदीप्त कुमार दास (झारखंड), संतोष कुमार राउत, लक्ष्मीधर दास को चुना गया। इसी तरह महासचिव के रुप में डॉ राधानाथ प्रहराज को चुना गया।
सचिव के रुप में डॉ बानाम्बर परिडा, जयंती पढ़ियारि, हरिहर मिश्र, बिरंचि नारायण दास, प्रदीप्त कुमार महाराणा, शिवप्रसाद पंडा (आंध्र प्रदेश), स्वागतिका राउत को चुनाव किया गया। इसी तरह कोषाध्यक्ष के रुप में त्रिनाथ सामंतराय को चुना गया।
कार्यकारी समिति के लिए कुल 58 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए, जिनमें पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के 4 प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
समारोप सत्र में निवर्तमान सभापति त्रिपाठी ने औपचारिक रूप से नवनिर्वाचित सभापति सौरचंद्र महापात्र को कार्यभार सौंपा। महापात्र ने संगठन के सभी कार्यकर्ताओं और सदस्यों को एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया।