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बालेश्वर एफएम कॉलेज पर लगा कलंक
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यौन उत्पीड़न, लापरवाही और एक छात्रा की मौत ने राज्य को जगाया
भुवनेश्वर। बालेश्वर स्थित फकीर मोहन (एफएम) स्वायत्त महाविद्यालय की एक 20 वर्षीय छात्रा सौम्यश्री बिसी की मौत ने पूरे ओडिशा को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने बालेश्वर एफएम कॉलेज को कलंकित किया है। यौन उत्पीड़न, लापरवाही और फिर एक छात्रा की मौत ने राज्य को चिर निद्रा से जगाया है। छात्रा ने कॉलेज परिसर में खुद को आग लगा ली थी, जिसके बाद उसे भुवनेश्वर एम्स में भर्ती कराया गया। 60 घंटे तक मौत से लड़ने के बाद 14 जुलाई की रात उसकी मृत्यु हो गई। यह केवल एक आत्महत्या नहीं, बल्कि यौन उत्पीड़न, प्रशासनिक लापरवाही और टूटे हुए भरोसे की एक भयावह कहानी बन गई है।
30 जून – पहली शिकायत और धमकियों की शुरुआत
बताया गया है कि छात्रा ने कॉलेज के प्राचार्य दिलीप घोष से मिलकर शिक्षा विभाग के एचओडी प्रोफेसर समीर रंजन साहू के खिलाफ यौन उत्पीड़न की लिखित शिकायत की। आरोप था कि प्रोफेसर ने उससे अनुचित मांगें कीं और ऐसा न करने पर छह साल का बैकलॉग देने तथा निष्कासन की धमकी दी।
छात्रा के पिता का कहना है कि उसे शिकायत वापस लेने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और अकादमिक करियर बर्बाद करने की धमकी दी गई।
1–2 जुलाई – सोशल मीडिया पर न्याय की गुहार
1 जुलाई को छात्रा ने अपने साथ हुई घटना को सोशल मीडिया पर साझा किया। 2 जुलाई को उसने चेतावनी दी कि अगर न्याय नहीं मिला तो वह कोई कठोर कदम उठाएगी। सहपाठियों के अनुसार, उसने कॉलेज प्रशासन और आंतरिक शिकायत समिति से कई बार संपर्क किया, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।
12 जुलाई – आत्मदाह का प्रयास
कॉलेज में छात्र प्रदर्शन के दौरान उसने प्राचार्य कार्यालय के सामने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। छात्र-छात्राओं और स्टाफ ने आग बुझाई और उसे पहले बालेश्वर जिला अस्पताल और फिर एम्स भुवनेश्वर रेफर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, उसके शरीर का 90–95% हिस्सा जल चुका था और किडनी तथा श्वसन तंत्र गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे।
एम्स में चिकित्सकीय जंग
एम्स भुवनेश्वर में आठ सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम ने उसकी निगरानी शुरू की। दिल्ली एम्स से भी सलाह ली गई। हालत बेहद नाजुक बनी रही, पोटैशियम की भारी कमी, सेप्सिस का खतरा और ऑर्गन फेल्योर। लगातार डायलिसिस और वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया।
प्रशासनिक कार्रवाई और गिरफ़्तारियां
12 जुलाई की शाम को उच्च शिक्षा विभाग ने प्राचार्य दिलीप घोष और एचओडी समीर साहू को निलंबित कर दिया। उसी रात समीर साहू को पुलिस ने गिरफ्तार किया। सरकार ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की।
13 जुलाई को छात्रों ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन जारी रखा और प्राचार्य की गिरफ़्तारी की मांग की।
14 जुलाई को प्राचार्य घोष को गिरफ्तार कर लिया गया। उसी दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल हरि बाबू और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी एम्स पहुंचे और पीड़िता की स्थिति की जानकारी ली।
14 जुलाई, रात 11:46 बजे – सौम्यश्री की मौत। लगभग 60 घंटे की कठिन चिकित्सा लड़ाई के बाद एम्स ने सौम्यश्री को मृत घोषित कर दिया। शरीर के भीतर गहरी जलन, सेप्सिस और मल्टी ऑर्गन फेल्योर ने उसकी जान ले ली।