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21 जुलाई तक चलेगा राज्यव्यापी अभियान
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य में अनाथ और अभिभावक विहीन बच्चों की पहचान के लिए ‘ओरफान सर्वे – 2025’ का शुभारंभ किया है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित यह सर्वे 11 जुलाई से शुरू होकर 21 जुलाई तक चलेगा। इस अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर ऐसे बच्चों की पहचान कर निर्धारित फॉर्म में विस्तृत जानकारी एकत्र कर रही हैं।
इस सर्वे में उन बच्चों को शामिल किया जा रहा है, जिन्होंने अपने दोनों माता-पिता को खो दिया है, या केवल पिता को खोकर असहाय/दिव्यांग माता के साथ हैं, अथवा केवल माता को खोकर लाइलाज बीमारी या 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता से ग्रस्त, बेरोजगार पिता के साथ रह रहे हैं। एक जून 2025 तक जन्मे 0 से 18 वर्ष तक के सभी बच्चों की पहचान की जा रही है। यह पहल उनके लिए उचित संरक्षण, देखभाल और पुनर्वास योजनाएं तैयार करने में सहायक होगी।
हर चार साल में एक बार यह सर्वे
‘यशोदा योजना’ के अंतर्गत राज्य सरकार हर चार साल में एक बार यह सर्वे कराती है। इसी के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिलों को ‘ओरफान सर्वे’ के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्य स्तर पर एक विशेष फॉर्म तैयार किया गया है और जिलों में मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण देकर उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सर्वे से संबंधित प्रशिक्षण दिया है।
संग्रहित जानकारी की निगरानी सुपरवाइजर करेंगे
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा संग्रहित जानकारी की निगरानी सुपरवाइजर करेंगे, जिसके बाद यह डेटा बाल विकास परियोजना अधिकारियों के माध्यम से जिला बाल संरक्षण इकाइयों को सौंपा जाएगा। प्रत्येक बच्चे की जानकारी ‘आमरी शिशु’ पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। ओडिशा राज्य बाल सुरक्षा समिति इन आंकड़ों को संकलित कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी।
आवश्यकतानुसार योजनाएं और नीतियां बनेंगी
इस सर्वे का उद्देश्य बच्चों के जीवन, विकास, सुरक्षा और सहभागिता के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करना है। चिह्नित बच्चों के लिए आगे चलकर राज्य सरकार आवश्यकतानुसार योजनाएं और नीतियां बनाएगी। बाल कल्याण समितियों के माध्यम से उन्हें आवश्यक सहयोग और सहायता शिविरों के जरिये प्रदान की जाएगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने आम जनता से आह्वान किया है कि वे इस अभियान को सफल बनाने में स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ पूरा सहयोग करें।