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सौंदर्यात्मक अनुभूति और कोरोना काल में कलाओं पर ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित
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कवि चित्रकार अमित कल्ला और प्रदोष स्वाईन का व्याख्यान
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अशोक कुमार गुप्ता को दिया गया सृजन सम्मान
कृष्ण कुमार मोहंती, बालेश्वर
ईस्टर्न फाउंडेशन फार आर्ट एंड कल्चर संस्थान के पांचवें वार्षिक समागम ‘एक्ट कनेक्ट रिफ्लेट’ की विधिवत आनलाइन शुरुआत हुई. सप्ताहभर चलने वाले इस कला शैक्षणिक रचनात्मक कार्यक्रम के पहले सत्र के तहत उत्तराखंड के वरिष्ठ कलाकार अशोक कुमार गुप्ता को संस्था के अध्यक्ष प्रदीप्त किशोर दास ने औपचारिक घोषणा करते हुए सृजन सम्मान के लाइफटाइम अवार्ड से नवाजा. वार्षिक कला प्रदर्शनी के शुभारंभ के साथ इस वर्ष के ग्यारह प्रोफेशनल और बारह स्टूडेंट श्रेणी के कला पुरस्कार तय किये गए. इस नुमाइश में देश के विभिन्न राज्यों से तक़रीबन दो सौ कलाकृतियां सम्मिलित हैं.
इसी दौरान युवा ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रदेश के युवा कवि चित्रकार अमित कल्ला और दिल्ली के कलाकार प्रदोष स्वाइं द्वारा कोरोना काल में कलायें और सौन्दयात्मक अनुभूति एक अनवरत यात्रा, विषय पर व्यख्यान आयोजित किया गया. अमित कल्ला ने विभिन्न कलाओं के अंतर्संबंधों पर प्रकाश डालते हुए उनकी अभिन्न सौन्दर्यात्मक दर्शनाओं को संजीदगी से उजागर किया, जहाँ रचना कर्म के मार्फ़त अनुभूति की प्रमाणिक अभिव्यक्ति को रेखांकित करते हुए उसकी वैचारिकी के सम्बन्ध में अपना पक्ष रखा.
साथ ही लय, भाव और रस के सिधान्तों को भी विवेचित किया. वहीँ चित्रकार प्रदोष ने कोरोना महामारी से गुज़रती दुनिया में कला के समक्ष चुनौतियों का हवाला देते हुए प्रतिभागियों को अपनी कला के मार्फ़त इस संकट से सकारात्मक ढंग से उबरने कि सलाह दी. उन्होंने चित्रकला की विभिन्न टेक्निकों और उनके व्यवहारिक पक्षों को भी बेहद सुरुचि ढंग से साझा करते हुए अंतरलय से जोड़कर विपरीत परिस्थिति में भी उत्साह को कायम रखते हुए के कला शिक्षा की सतत साधना पर ज़ोर दिया.
फाउंडेशन के सचिव मनोज सांधा ने प्रदर्शनी के बहुरंगीय डिजिटल कैटलाग को ज़ारी करते हुए सभी प्रतिभागियों और वक्ताओं का आभार व्यक्त किया और साथ ही आगामी कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी उन्होंने बताया की इस पूरे सप्तक वर्चुअल आर्टिस्ट मीट, स्टूडियो विज़िट और आर्ट टाक किये जायेंगे, जिनमें दृश्यकला के नामचीन कलाकार यतीश कासरगोड, पंचानन सामल, निकुंज बिहारी दास, शाहिद पाशा और प्रदीप्ता किशोर दास अपने कलासम्मत विचार व्यक्त करेंगे. इस समूचे कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न कलाओं के दरमियां होने वाले अंतर्संबंधों और अकादमिक आयामों को मुकम्मल ढंग से जानना समझना है साथ ही कला संपदा और वैचारिकी के अभिन्न तत्वों से मुखातिब होना है.