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प्रशासन ने जताई चिंता, एहतियातन चेतावनी और पुलिस तैनात
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हीराकुद से जल छोड़ने के बाद बढ़ा खतरा, भक्तों के प्रवेश पर रोक
कटक। महानदी के बढ़ते जलस्तर ने एक बार फिर खतरे की घंटी बजा दी है। कटक जिले के बाड़ंबा स्थित प्रसिद्ध मां भट्टारिका मंदिर परिसर में मंगलवार रात से बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे मंदिर क्षेत्र आंशिक रूप से जलमग्न हो गया है। यह स्थिति हीराकुद बांध से इस वर्ष की पहली बार बाढ़ जल छोड़े जाने के बाद उत्पन्न हुई है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एंडोमेंट विभाग ने मंदिर परिसर में चेतावनी बैनर लगाकर भक्तों और स्थानीयों को प्रवेश न करने की सख्त सलाह दी है। साथ ही पुलिस बल को भी तैनात कर दिया गया है ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सके।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अगर जलस्तर और बढ़ता है, तो मां भट्टारिका की मूर्ति को अस्थायी रूप से पास के रसोईघर परिसर में स्थानांतरित किया जा सकता है। पुजारियों और एंडोमेंट अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है और स्थिति पर लगातार निगरानी की जा रही है।
हालांकि पानी परिसर में आ गया है, लेकिन मंदिर की दैनिक पूजा और अनुष्ठानों को बाधित न होने देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों की चिंता
मंदिर के आस-पास के स्थानीय निवासी और श्रद्धालु लगातार बाढ़ के खतरे से चिंतित हैं। उनका कहना है कि यह समस्या हर साल आती है और सरकार को मंदिर के चारों ओर स्थायी बाढ़ सुरक्षा व्यवस्था करनी चाहिए।
मुण्डली में 4.47 लाख क्यूसेक से अधिक पानी
मुण्डली बैराज से आज सुबह 4.47 लाख क्यूसेक से अधिक बाढ़ जल बहाव दर्ज किया गया है। जलसंसाधन विभाग के अनुसार, हीराकुद बांध से कुल 20 स्लूइस गेट खोलकर जल छोड़ा जा रहा है, जो लगातार ऊपर की ओर से हो रही बारिश के दबाव को नियंत्रित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है।
नाराज फ्लड मॉनिटरिंग सेंटर से लगातार निगरानी की जा रही है। मुण्डली में ऊपर जलस्तर 87.50 फीट और नीचे 84.30 फीट तक पहुंच चुका है।
अभी नहीं है बाढ़ का सीधा खतरा
जलसंसाधन विभाग ने साफ किया है कि फिलहाल महानदी डेल्टा क्षेत्र में बाढ़ का कोई तात्कालिक खतरा नहीं है, लेकिन चेतावनी और सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता है। सभी जिलों, संबलपुर, कटक, जगतसिंहपुर, पुरी और केंद्रापड़ा में प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है।
आईएमडी का पूर्वानुमान – अगले 72 घंटे अहम
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी दी है कि गंगीय पश्चिम बंगाल और उसके आसपास बने निम्न दाब क्षेत्र के कारण ओडिशा के कई जिलों में अगले 48 से 72 घंटे तक भारी वर्षा की संभावना है। इसके कारण नदी जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे अगले दो दिन राज्य के बाढ़ प्रबंधन के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं।