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वन और वन्य जीव संपदा की सुरक्षा को विभिन्न पुरस्कारों के पुनर्गठन की घोषणा

  • वन सुरक्षा और संरक्षण के क्षेत्र में दो समितियां संयुक्त रूप से राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित

भुवनेश्वर। राज्य में वनों के विकास, वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा जैसे कार्यों में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को प्रतिवर्ष विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। इन कार्यों में फील्ड कर्मचारियों और आम जनता की भागीदारी को और अधिक प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इन पुरस्कारों का पुनर्गठन किया गया है। आज पुराने भुवनेश्वर स्थित बीएम हाई स्कूल में आयोजित वन महोत्सव सप्ताह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह नया पुरस्कार ढांचा आज से ही प्रभावी हो गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के राज्य स्तरीय पुरस्कार से इस वर्ष वन सुरक्षा और संरक्षण के क्षेत्र में दो समितियों को संयुक्त रूप से सम्मानित किया गया है। यह हैं कलाहांडी की ‘तुलंगपदर वन सुरक्षा समिति’ और करंजिया फॉरेस्ट डिवीजन की ‘पाहाड़पुर वन सुरक्षा समिति’। इन दोनों समितियों को कुल 4 लाख रुपये की पुरस्कार राशि और प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है।

50 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण किया

कलाहांडी नॉर्थ फॉरेस्ट डिवीजन की तुलंगपदर वन सुरक्षा समिति ने बाजारगढ़ जंगल के 50 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण कर एक अवक्षयग्रस्त जंगल को पुनर्जीवित करने में सफलता प्राप्त की है। समिति के सतत प्रयासों के कारण पिछले तीन वर्षों में इस जंगल क्षेत्र में एक भी वनाग्नि की घटना नहीं घटी है, जो कि एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

159 हेक्टेयर क्षेत्र में नियमित पेट्रोलिंग से सुरक्षा सुनिश्चित की
इसी प्रकार, करंजिया फॉरेस्ट डिवीजन की पाहाड़पुर वन सुरक्षा समिति ने बुड़िपाट जंगल के 159 हेक्टेयर क्षेत्र में नियमित पेट्रोलिंग कर जंगल की प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित की है। पिछले पांच वर्षों में इस क्षेत्र में भी कोई वनाग्नि की घटना सामने नहीं आई है। इसके अलावा, मानव-हाथी संघर्ष की घटनाओं पर भी समिति ने प्रभावी नियंत्रण पाया है।

इनका समर्पण अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत
समितियों के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इनका समर्पण अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और हरित ओडिशा की परिकल्पना को साकार करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने कहा कि 2025 वन महोत्सव का विषय है “एक पेड़ माँ के नाम”, जिसका अर्थ है “मां के नाम एक पेड़”। यह विषय लोगों को वृक्षारोपण को अपनी माँ को समर्पित करने के लिए प्रेरित कर रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और मानव कल्याण के लिए जंगल बहुआयामी लाभ प्रदान करते हैं। जंगल जलवायु नियंत्रण, जल शुद्धिकरण और जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही, वे जीविका के साधन के रूप में लकड़ी और भोजन जैसी सामग्रियों की आपूर्ति भी करते हैं।

इस कार्यक्रम में एकाम्र भुवनेश्वर विधायक बाबू सिंह, भुवनेश्वर मेयर सुलोचना दास, वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सत्यव्रत साहू सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वनबल प्रमुख सुरेश पंत ने स्वागत भाषण दिया और अंत में बीएम हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक सीताकांत मोहंती ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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