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हर वर्ष ‘सोनावेश’ के दौरान पुराने और कुछ हद तक क्षतिग्रस्त आभूषणों से ही सजाया जाता है भगवानों को
पुरी। भगवान श्रीजगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को नए आभूषण पहनाने की वर्षों पुरानी श्रद्धालुओं की अभिलाषा पर ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने रविवार को स्पष्ट किया कि यदि भगवान जगन्नाथ की इच्छा होगी, तभी यह कार्य संभव हो सकेगा।
मंत्री हरिचंदन ने कहा कि हर कोई चाहता है कि भगवान को नए आभूषण पहनाए जाएं। लेकिन यह तभी संभव होगा, जब भगवान स्वयं ऐसा चाहेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि भगवान के अलौकिक संकल्प के बिना किसी भी तरह का परिवर्तन संभव नहीं है।
गौरतलब है कि भगवान जगन्नाथ सुनारों के शौकीन माने जाते हैं और पुरी श्रीमंदिर के रत्न भंडार में बड़ी मात्रा में सोना और कीमती धातुएं सुरक्षित रखी गई हैं। इसके बावजूद, हर वर्ष ‘सोनावेश’ के दौरान पुराने और कुछ हद तक क्षतिग्रस्त आभूषणों से ही भगवानों को सजाया जाता है। यही कारण है कि हजारों श्रद्धालु नाराजगी और असंतोष जताते रहे हैं।
श्रद्धालुओं का मानना है कि जब रत्न भंडार में पर्याप्त सोना और चढ़ावे के रूप में अलग से मिले स्वर्ण भंडार उपलब्ध हैं, तब भगवान के लिए नए और भव्य आभूषण क्यों नहीं बनाए जा रहे। कई सेवायतों ने भी पुराने गहनों को बदलने की मांग उठाई है और कहा है कि यह श्रद्धा और मर्यादा दोनों का विषय है।
हालांकि सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन कानून मंत्री की टिप्पणी ने यह संकेत दिया है कि यह फैसला केवल भक्ति नहीं, बल्कि भगवान की ‘इच्छा’ और परंपराओं की मर्यादा से जुड़ा है।
श्रद्धालु उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में भगवान की कृपा और प्रशासन की पहल से भगवान को नए आभूषण पहनाने का सौभाग्य पुरी को शीघ्र ही प्राप्त हो सकता है।