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अपने ही स्कूल के कायाकल्प परियोजना शुरू कर धर्मेंद्र प्रधान भावुक

  • कहा- यह स्कूल मेरे लिए है घर जैसा

  •  हांडिधुआ स्कूल के पुनर्विकास कार्यों का हुआ लोकार्पण

अनुगूल। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को अपने पैतृक गांव तालचेर के हांडिधुआ सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पहुंचकर स्कूल रूपांतरण परियोजना की शुरुआत की। यह वही स्कूल है जहां से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी। इस अवसर पर उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा आवंटित 1.37 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया।

विद्यालय में छात्रों और शिक्षकों से संवाद करते हुए प्रधान ने अपने बचपन की यादें साझा कीं और कहा कि  यह स्कूल मेरे लिए घर जैसा लगता है। यहां की हर दीवार और हर कोना मेरे बचपन की यादों से जुड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि यह स्कूल अब स्थानीय क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा का एक आदर्श संस्थान बन गया है और इसके विकास की आकांक्षा उन्हें लंबे समय से थी।

बुनियादी सुविधाओं का उद्घाटन किया

प्रधान ने इस अवसर पर स्मार्ट क्लासरूम, नव निर्मित भवन, डाइनिंग हॉल, रसोईघर और अन्य बुनियादी सुविधाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इन विकास कार्यों से विद्यालय के छात्रों को एक आधुनिक और सुविधाजनक शैक्षणिक वातावरण मिलेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारत समग्र, मूलभूत और भविष्योन्मुखी शिक्षा व्यवस्था की दिशा में बढ़ रहा है और ऐसे विद्यालयों के माध्यम से यह परिकल्पना साकार हो रही है। शिक्षा अब केवल परीक्षा-आधारित नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण और राष्ट्र निर्माण का माध्यम बननी चाहिए।

स्कूल को 1.10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत

2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की एसटीएआरएस योजना और अन्य पहलों के तहत हांडिधुआ स्कूल को 1.10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। यह धनराशि कक्षाओं के निर्माण, स्मार्ट क्लासरूम, पेयजल सुविधा, खेल के मैदान और अन्य आधारभूत संरचना के विकास में खर्च की जा रही है।

मिड-डे मील की व्यवस्था की समीक्षा की

प्रधान ने मिड-डे मील की व्यवस्था की समीक्षा भी की और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से स्कूल प्रबंधन व संचालन को लेकर चर्चा की। उन्होंने विद्यालय के छात्रों के आत्मविश्वास की सराहना करते हुए विश्वास जताया कि हांडिधुआ के छात्र 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में योगदान देंगे।

कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय मंत्री ने विद्यालय के छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि विद्यालयों के रूपांतरण से ही शिक्षा की असली गुणवत्ता सामने आएगी।

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