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हजारों हेक्टेयर फसलें जलमग्न, कई गांवों का संपर्क टूटा
भुवनेश्वर। ओडिशा में लगातार हो रही भारी बारिश ने राज्य के कई हिस्सों में तबाही मचा दी है। बाढ़ और भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। केंदुझर जिले में भूस्खलन में तीन, जबकि बालेश्वर जिले में बाढ़ के पानी में बहने से एक युवक की मौत हुई है। इस बीच, हजारों हेक्टेयर खेत जलमग्न हो गए हैं और कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है।
सुवर्णरेखा में बहा युवक, शव बरामद
बालेश्वर जिले के बिश्नुपुर गांव निवासी राकेश सिंह मंगलवार को सुवर्णरेखा नदी के बाढ़ के पानी में बह गया था। वह दोपहर के समय नदी में नहाने गया था, उसी दौरान तेज बहाव में लापता हो गया।
बुधवार को ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स की टीम ने उसका शव बलिआपाल ब्लॉक के पास बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से बरामद किया।
उल्लेखनीय है कि सुवर्णरेखा नदी इन दिनों खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे बलिआपाल ब्लॉक की छह पंचायतों के 20 से अधिक गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं। कुछ इलाकों में सड़कें 4–5 फीट पानी में डूबी हुई हैं और जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है।
केंदुझर में अवैध खनन में भूस्खलन
केंदुझर जिले के जोड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत डलपहाड़ के पास बिचाकुंडी गांव में मंगलवार रात भारी बारिश के कारण मैंगनीज खदान में भूस्खलन हो गया। हादसे में संदीप पूर्ति, गुरु चंपिया, और कांदे मुंडा की मौके पर ही मौत हो गई।
यह खदान बैतरनी संरक्षित वन क्षेत्र में स्थित है, जहां अवैध रूप से खनन कार्य चल रहा था। लगातार बारिश के कारण भूमि धंस गई और खनिक मिट्टी के नीचे दब गए।
रातभर चले करीब छह घंटे के बचाव अभियान के बाद तीनों शवों को बाहर निकाला गया। यह हादसा न सिर्फ अवैध खनन पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि क्षेत्र में सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी को भी उजागर करता है।
फसलें बर्बाद, संपर्क टूटा
लगातार बारिश और बाढ़ से कोरापुट, केंदुझर और बालेश्वर जिलों में हजारों हेक्टेयर में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं। कई गांवों में घरों में पानी घुस गया है, और लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं।
राज्य सरकार ने ओड्राफ और अग्निशमन विभाग की टीमों को राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैनात किया है। नावों की मदद से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।