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ओडिशा में बाढ़ का कहर तेज

  • उत्तर और पश्चिमी जिलों में तबाही

  • सुवर्णरेखा और ब्राह्मणी नदियों से बढ़ा खतरा, कई गांव जलमग्न

भुवनेश्वर। ओडिशा में लगातार हो रही बारिश और नदियों के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी ने बालेश्वर और सुंदरगढ़ जिलों में बाढ़ का संकट और गहरा कर दिया है। सुवर्णरेखा नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है, जिससे बालेश्वर जिले के भोगराई ब्लॉक के 30 से अधिक गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं दूसरी ओर, सुंदरगढ़ जिले के कोइड़ा क्षेत्र में तीन दिन से जारी मूसलधार बारिश ने सैकड़ों लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।

मंगलवार सुबह 7 बजे राजघाट (बालेश्वर) में सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर 10.83 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। इसके चलते भोगराई ब्लॉक के 15 पंचायतों के 30 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। खेतों में पानी भर गया है, कई रास्ते टूट गए हैं और लोग अपने ही घरों में फंसे हुए हैं।

कुसुड़ा गांव में स्थिति सबसे चिंताजनक

भोगराई के कुसुड़ा गांव में स्थिति सबसे चिंताजनक बनी हुई है। यहां घरों में पानी घुस चुका है और ग्रामीण घुटनों से कमर तक पानी में फंसे हैं। प्रशासनिक सहायता नहीं मिलने से लोग नाराज हैं। एक ग्रामीण ने बताया कि पहली बाढ़ के बाद थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन दूसरी लहर ने फिर से तबाही मचा दी। हम कई दिनों से परेशान हैं और चाहते हैं कि सरकार कोई स्थायी समाधान निकाले।

तीन दिन से पीने का पानी भी नहीं मिला

एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि तीन दिन से पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है और मवेशियों के साथ वे पूरी तरह फंसे हुए हैं। जलक नदी का जलस्तर भी बस्ता ब्लॉक में खतरे के निशान के करीब है। मथानी में जलस्तर 6.50 मीटर दर्ज हुआ है, जबकि खतरे का निशान 6.59 मीटर है। यहां भी 10 गांव आंशिक रूप से डूब गए हैं।

सुंदरगढ़ में पुल पर बह रहा पानी

वहीं दूसरी तरफ सुंदरगढ़ जिले के कोइड़ा क्षेत्र में तीन दिन से लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। सोयम्बा पुल पर करीब दो फीट तक पानी बह रहा है, जिससे सोयम्बा और रेलहाटु पंचायत के बीच संपर्क पूरी तरह टूट गया है। प्रशासन ने पुल पर आवाजाही पर रोक लगा दी है।

तेजी से बढ़ रहा ब्राह्मणी नदी का जलस्तर

ब्राह्मणी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लालेई, टांजोडा और सियाजोड़ जैसे निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आने लगे हैं। बनेई के पास सियाजोड़ पुल एक बार फिर डूब गया है, जिसे लेकर हर साल हादसे होते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार गाड़ियां बाढ़ में बह जाती हैं, और इस साल भी यही खतरा बना हुआ है।

प्रशासन सतर्क, लेकिन राहत कार्य सुस्त

हालांकि प्रशासनिक स्तर पर निगरानी जारी है, लेकिन राहत कार्यों की रफ्तार काफी धीमी है। बालेश्वर में प्रशासन अब तक प्रभावित गांवों तक नहीं पहुंच पाया है, जिससे स्थानीय लोग नाराज हैं। उधर, सुंदरगढ़ में प्रशासन ने लोगों से डूबे हुए रास्तों से बचने और सतर्क रहने की अपील की है।

स्थिति और बिगड़ने की आशंका

मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। यदि वर्षा नहीं थमी, तो ब्राह्मणी और सुवर्णरेखा दोनों नदियां और अधिक तबाही मचा सकती हैं।

स्थिति गंभीर, राहत और पुनर्वास पर चाहिए तत्काल कार्रवाई

ओडिशा के इन दोनों जिलों की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। कहा जा रहा है कि ग्रामीणों की पीड़ा, जलजमाव और प्रशासन की सुस्त प्रतिक्रिया को देखते हुए राज्य सरकार को तुरंत प्रभावी राहत और पुनर्वास कार्य शुरू करने होंगे, वरना हालात और भी विकट हो सकते हैं।

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