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भगवान जगन्नाथ, देव बलभद्र और देवी सुभद्राजी के रथों का भव्य आगमन
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दूसरे दिन भी बड़दांड में दिखा श्रद्धा का सैलाब
पुरी। पुरी में आयोजित रथयात्रा महापर्व के दूसरे दिन शनिवार को तीनों दिव्य रथ भगवान बलभद्र का ‘तालध्वज’, देवी सुभद्राजी का ‘दर्पदलन’ और भगवान जगन्नाथ का ‘नंदीघोष’ गुंडिचा मंदिर पहुंच गए। शुक्रवार को मार्ग में अवरोध के कारण रथों की यात्रा बीच में रुकी थी, परंतु शनिवार को प्रातः सभी धार्मिक विधियों के संपन्न होने के बाद रथ खींचने का कार्य पुनः प्रारंभ हुआ।
तालध्वज रथ सुबह 9:45 बजे सबसे पहले आगे बढ़ा, जिसके बाद दर्पदलन और नंदीघोष ने भी अपनी यात्रा आरंभ की। दोपहर 1:10 बजे तक तीनों रथ गुंडिचा मंदिर के सामने सफलतापूर्वक पहुंच गए। आज सभी देवताओं की सेवाएं रथ पर ही सम्पन्न होंगी, जबकि रविवार को ‘गोटी पहंडी’ अनुष्ठान के माध्यम से चारों विग्रह भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्राजी और सुदर्शन को गुंडिचा मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा।
आढ़प मंडप दर्शन का है महत्व
आढ़प मंडप दर्शन को अत्यंत पुण्यदायक माना गया है। शास्त्रों में उल्लेख है कि गुंडिचा मंदिर में आढ़प मंडप पर देवताओं के दर्शन करने से नीलाचल स्थित श्रीमंदिर में दस बार दर्शन करने के बराबर फल प्राप्त होता है। सात दिनों तक भगवान गुंडिचा मंदिर में रहते हैं, जहां भक्तजन आढ़प दर्शन के साथ-साथ ‘ आढ़प अभड़ा’ (महाप्रसाद) का लाभ भी प्राप्त करते हैं।
गौतम अडाणी ने किया दर्शन
प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडाणी अपने परिवार सहित शनिवार को रथयात्रा में सम्मिलित हुए। उन्होंने पत्नी प्रीति, पुत्र करण व अन्य परिजनों के साथ तीनों रथों के समक्ष श्रद्धा पूर्वक दर्शन किया। उन्होंने इस अवसर को भगवान की कृपा बताते हुए कहा कि सेवा ही साधना है। भगवान श्रीजगन्नाथ जी की अनुकंपा बनी रहे – जय जगन्नाथ।
राज्य के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी
रथयात्रा के दूसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ-साथ राज्य सरकार के उच्च अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी रथ खींचने में सम्मिलित हुए। मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अग्निशमन सेवा महानिदेशक सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने श्रद्धा भाव से रस्सी खींची। उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा, विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन भी इस आयोजन में उत्साहपूर्वक सम्मिलित हुए।